लखनऊ , नवम्बर 10 -- उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक बार फिर वैश्विक निवेश आकर्षित करने की तैयारी में हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री जल्द ही सिंगापुर और जापान में निवेश के लिए रोड शो का नेतृत्व करेंगे।

अधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया कि योगी का यह दौरा राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी अंतरराष्ट्रीय निवेश योजना का हिस्सा है, जिसके तहत प्रदेश को विदेशी निवेशकों के लिए पसंदीदा गंतव्य के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री पहले सिंगापुर और बाद में जापान में रोड शो करेंगे। इस दौरान वह दोनों देशों के शीर्ष औद्योगिक समूहों, निवेशकों और कारोबारी संगठनों से मुलाकात करेंगे और उत्तर प्रदेश में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे।

'इन्वेस्ट यूपी' ने मुख्यमंत्री की यात्रा को सफल बनाने के लिए विस्तृत ब्लूप्रिंट तैयार किया है। इस मिशन के तहत मुख्यमंत्री की यात्रा से पहले पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल सिंगापुर और जापान जाएगा, जो संभावित निवेशकों, बिजनेस हाउस और चैंबर्स ऑफ कॉमर्स से प्रारंभिक चर्चा करेगा।

टीम दो दिन सिंगापुर और तीन दिन टोक्यो में रहेगी और अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी, जिसके आधार पर मुख्यमंत्री की यात्रा की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जाएगा। इन्वेस्ट यूपी के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालक अधिकारी शशांक चौधरी को मुख्यमंत्री की इन यात्राओं को सफल बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री के साथ वरिष्ठ मंत्री भी इस उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे।

औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी' ने बताया कि राज्य सरकार विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए वैश्विक साझेदारियों को लगातार मजबूत कर रही है। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश को विश्व स्तर पर एक प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में विकसित करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।"अधिकारियों के अनुसार, राज्य सरकार ताइवान, जर्मनी, फ्रांस, सिंगापुर, रूस, जापान और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में भी निवेश रोड शो आयोजित करने की योजना पर काम कर रही है। इन्वेस्ट यूपी ने इन सभी देशों के लिए एक समर्पित फॉरेन डेस्क भी स्थापित किया है ताकि निवेश से जुड़ी गतिविधियों का समन्वय सुचारू रूप से किया जा सके।

सरकार का फोकस सेमीकंडक्टर, टेक्सटाइल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रक्षा, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिक व्हीकल, पर्यटन, कैमिकल, एविएशन, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्यूटिकल, इलेक्ट्रिकल, टेक्नोलॉजी, रिन्यूएबल एनर्जी, कंप्यूटर इक्विपमेंट, मशीनरी, गैस और शिपबिल्डिंग जैसे क्षेत्रों में विदेशी कंपनियों को निवेश के लिए आकर्षित करने पर है।

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