नैनीताल , नवम्बर 10 -- उत्तराखंड उच्च न्यायालय में सोमवार को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई नहीं हो सकी।
मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंदर और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ में आज लगभग 11 याचिकाओं पर दोपहर बाद सुनवाई होनी थी लेकिन खंडपीठ उपलब्ध नहीं होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में इसी साल 27 जनवरी से यूसीसी लागू हुआ था। इसके बाद सुरेश कुमार, अलसमुद्दीन सिद्दीकी समेत कई लोगों ने यूसीसी के विभिन्न प्रावधानों खासकर 'लिव इन रिलेशनशिप' के साथ ही मुस्लिम समाज के विवाह, तलाक, इद्दत और विरासत संबंधी प्रावधानों को चुनौती दी है।
आगे कहा गया है कि यूसीसी संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन है जो धर्म के अनुपालन के साथ ही स्वतंत्रता की गारंटी देता है। इससे पूर्व हालांकि प्रदेश सरकार की ओर से जवाबी हलफनामा दायर कर कहा गया कि वह कुछ प्रावधानों में संशोधन कर रही है।
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