देहरादून , अक्तूबर 03, -- बरसात समाप्त होते ही उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) एवं जनपद आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों (डीडीएमए) द्वारा राज्य भर में आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन के लिए व्यापक प्रशिक्षण एवं क्षमता विकास कार्यक्रमों की शुरुआत कर दी गई है।
इसी क्रम में शुक्रवार को जनपद नैनीताल, बागेश्वर तथा चंपावत में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए।
सचिव, आपदा एवं पुनर्वास, विनोद कुमार सुमन ने बताया कि जनपद नैनीताल के रामगढ़ ब्लॉक मेंराजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में डीडीएमए, नैनीताल के तत्वावधान में एक दिवसीय आपदा प्रबंधन, न्यूनीकरण एवं त्वरित राहत-बचाव कार्यों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ। जिसका संचालन मास्टर ट्रेनर नवीन चंद्र, खोज एवं बचाव एवं सहायक कंसल्टेंट सुमित जोशी द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर विद्यार्थियों एवं विद्यालय स्टाफ को क्षेत्र में संभावित आपदाओं, जैसे भूकंप, भूस्खलन, आगजनी, बादल फटना आदि की जानकारी दी गई। साथ ही आपदा के पूर्व, दौरान एवं पश्चात की आवश्यक कार्यवाहियों, प्राथमिक उपचार, स्ट्रेचर निर्माण, आग से बचाव, बाढ़ से सुरक्षा के उपायों पर व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया गया। विद्यालय के सुरक्षित स्थानों व निकासी मार्गों की जानकारी, आपातकालीन टोल फ्री नंबरों, जैसे 1077, 112, महिला हेल्पलाइन 1090 इत्यादि से भी अवगत कराया गया।
श्री सुमन ने बताया कि इसके साथ ही, जनपद बागेश्वर के ग्राम मंतोली में एसडीआरएफ और एनडीआरएफ टीमों द्वारा ग्रामीणों को सीपीआर, इम्प्रोवाइज्ड स्ट्रेचर निर्माण, फ्लोटिंग इक्विपमेंट की जानकारी एवं आग से बचाव के तरीकों का प्रशिक्षण दिया गया। ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और प्रशिक्षण का लाभ उठाया। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, जनपद चंपावत अंतर्गत, श्री पूर्णागिरि, टनकपुर में राजकीय इंटर कॉलेज, सैलानी गोठ में एफएएमईएक्स परियोजना के अंतर्गत, एक दिवसीय बाढ़ एवं भूस्खलन पर जन-जागरूकता प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर, डीडीएमए, भरत गुसाईं, एनडीआरएफ के दीपक कठैत, एसडीआरएफ के दीपक जोशी सहित अन्य विशेषज्ञों ने प्रशिक्षण प्रदान किया। जिन्होंने विद्यार्थियों को आपदा की स्थिति में स्वयं, परिवार एवं पशुधन को सुरक्षित रखने के उपाय, रेस्क्यू उपकरणों की जानकारी, रैपलिंग-जुमारिंग की विधि, प्राथमिक उपचार तथा स्थानीय संसाधनों से स्ट्रेचर निर्माण की जानकारी दी गई। साथ ही, सचेत ऐप एवं भूकंप अलर्ट ऐप की जानकारी भी साझा की गई, ताकि आपदा की स्थिति में समय पर अलर्ट प्राप्त हो सके।
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