देहरादून , नवम्बर 08 -- उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में हृदय रोगों की नवीनतम चिकित्सा पर केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस) के दूसरे दिन शनिवार को विशेषज्ञ चिकित्सकों ने युवाओं में बढ़ते हृदय रोग को पूरे समाज के लिए एक खतरा बताया।

कार्डियोलाॅजिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया, उत्तराखण्ड चैप्टर (यूकेसीएसआई) द्वारा आयोजित इस इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में वैज्ञानिक एजेंडे के तहत विभिन्न सत्रों में कार्डियोलाॅजी की बारीकियों, समस्याओं और उनके सरलतम निदान पर विभिन्न कार्डियोलाॅजिस्ट विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा व्याख्यान दिए गए। कार्डियोलाॅजिसटों ने हृदय रोगों की जटिलताओं और उनके इलाज पर व्यापक चर्चा कर, इलाज की आधुनिक व नयी तकनीकों को अपनाने का आह्वान किया। विशेषज्ञों ने कहा कि तेजी से बढ़ रहे हृदय रोगों के प्रति जागरूकता फैलाना और इसके प्रसार को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। चिंता व्यक्त की गयी कि वर्तमान दौर में युवा वर्ग भी हृदय रोग की चपेट में आने लगे हैं।

कॉन्फ्रेंस में एक्यूट कोरोनरी सिन्ड्रोम, मास्टेरिंग काॅम्पलेक्स पीसीआई, स्टेंटलेस पीसीआई, क्रोनिक टोटल आक्लूसिओन्स, स्ट्रक्चल हार्ट इंटरवेंशन्स, पेसमेकर एण्ड रेथम तथा पिडियाट्रिक काॅर्डियोलाॅजी जैसे हृदय रोग के कई महत्वपूर्ण विषयों पर वैज्ञानिक सत्र आयोजित किए गए। इसके साथ ही कोरोनरी स्ट्रक्चल और पेसिंग एण्ड कोरोनरी जैसे जटिल विषयों पर केस प्रजेन्टेशन सत्र भी आयोजित हुए। इसके साथ ही, देश के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों और मेडिकल काॅलेजों से आए कार्डियोलाॅजिस्ट विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा पोस्टर प्रजेन्टेशन के माध्यम से हृदय रोगों की जटिलताओं और उनके निदान के लिए विभिन्न तकनीकों की बारीकियों को समझाया गया।

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