दुबई, सितम्बर 27 -- श्रीलंका के मुख्य कोच सनत जयसूर्या को विश्वास नहीं हो रहा था कि श्रीलंका ने दुबई में भारत के ख़िलाफ एशिया कप सुपर फोर मैच आख़िरी ओवर में गंवा दिया है।
उनकी यह हार जुलाई 2024 की यादों को ताजा कर गई, जब उन्होंने भारत के ख़िलाफ एक आसान सी दिख रही जीत को गंवा दिया था। पल्लेकेल स्टेडियम में खेले गए उस मैच में श्रीलंका को छह विकेट शेष रहते दो ओवरों में सिर्फ़ नौ रन चाहिए थे। फिर भी वे रिंकू सिंह और सूर्यकुमार यादव की गेंदबाजी के सामने लड़खड़ा गए और मैच सुपर ओवर में चला गया, जहां वे केवल एक रन ही बना पाए, जिसे सूर्यकुमार ने एक ही गेंद में हासिल कर लिया था।
शुक्रवार को, श्रीलंका को जीतने के लिए आख़िरी ओवर में 12 रन चाहिए थे, जबकि छह विकेट शेष थे और शतकवीर पथुम निसंका क्रीज पर मौजूद थे। लेकिन वह आख़िरी ओवर की पहली ही गेंद पर आउट हो गए। इसके बाद दसुन शनाका ने मैच को आगे बढ़ाया और आख़िरी गेंद पर तीन रन की ज़रूरत थी। लेकिन आख़िरी गेंद पर वह सिर्फ़ दो ही रन बना पाए। और मैच सुपर ओवर में चला गया, जहां भारतीय टीम ने बाजी मार ली।
जयसूर्या ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा, "मैं चाहता था कि हम मैच को सामान्य तरीक़े से ही जीत लें। कोई भी कप्तान या कोच सुपर ओवर में नहीं जाना चाहता। दुर्भाग्य से दासुन तीसरा रन पूरा नहीं कर पाए। हालांकि ऐसा नहीं है कि भारत के ख़िलाफ़ हम किसी मानसिक अवरोध के साथ खेलते हैं। हमारी बल्लेबाज़ी लाइन-अप मजबूत है। 200 (203) का पीछा करना कभी आसान नहीं होता, लेकिन हमने लगभग उस स्कोर को हासिल कर लिया था, जो हमारी बल्लेबाज़ी की गुणवत्ता को दर्शाता है।"श्रीलंका की क्लास या गुणवत्ता पर कोई संदेह नहीं है, और निसंका इसका बेहतरीन उदाहरण हैं। 2021 में टेस्ट बल्लेबाज के रूप में पहचान बनाने के बाद, वह अब एक ज़बरदस्त व्हाइट-बॉल खिलाड़ी बन गए हैं। पिछले ही हफ़्ते ग्रुप स्टेज के बाद निसंका ने जयसूर्या के प्रभाव और कोच द्वारा उन्हें एक अलग पहचान विकसित करने की स्वतंत्रता देने की खुलकर प्रशंसा की थी। शुक्रवार को उन्होंने बेहतरीन खेल दिखाया और 58 गेंदों पर 107 रन की शानदार पारी खेली।
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