गांधीनगर , नवंबर 22 -- गुजरात के कच्छ और सौराष्ट्र क्षेत्र में आगामी द्वितीय वाइब्रेंट गुजरात क्षेत्रीय सम्मेलन (वीजीआरसी) मोरबी सिरेमिक क्लस्टर की संभावनाओं और स्थानीय उद्यमियों की ऊर्जा को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का अवसर प्रदान करेगा।

सूत्रों ने शनिवार को बताया कि कच्छ और सौराष्ट्र के समग्र विकास को नयी दिशा देने के उद्देश्य से द्वितीय वीजीआरसी का आयोजन आठ-नौ जनवरी को राजकोट में होगा। इस क्षेत्र का मोरबी सिरेमिक क्लस्टर वैश्विक सिरेमिक उद्योग में एक नयी पहचान गढ़ रहा है। दुनिया के दूसरे सबसे बड़े सिरेमिक उत्पादन क्लस्टर के रूप में मोरबी आज अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर महत्वपूर्ण स्थान रखता है, जहाँ 800 से अधिक निर्यात-उन्मुख यूनिट्स इसे एक सशक्त वैश्विक हब बना रही हैं। विकास और उद्यमशीलता के मजबूत इकोसिस्टम के साथ मोरबी क्लस्टर गुजरात की "विकसित भारतएट2047" की यात्रा में निर्णायक भूमिका निभा रहा है और विश्वभर से बढ़ती सिरेमिक उत्पादों की मांग को सफलतापूर्वक पूरा कर रहा है।

यह प्रतिष्ठित आयोजन निवेश को प्रोत्साहित करने और क्षेत्र की स्थानीय प्रतिभा को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है।

भारत सिरेमिक उत्पादों का छठा सबसे बड़ा निर्यातक है और वैश्विक बाज़ारों में अपनी मज़बूत पकड़ के साथ मोरबी इस क्षेत्र का प्रमुख आधार स्तंभ बनकर उभरा है। 24 जुलाई 2025 को भारत-यूके कोम्प्रेहेंसिव इकोनॉमिक एंड ट्रेड एग्रीमेंट (सीईएटी) पर हुए हस्ताक्षर गुजरात की औद्योगिक क्षमता और मोरबी सिरेमिक क्लस्टर के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है। यह ऐतिहासिक समझौता भारत के प्रमुख सिरेमिक निर्यातों के लिए शून्य-शुल्क और टैरिफ-रहित बाज़ार पहुँच सुनिश्चित करता है, जिससे मोरबी के उत्पादों के लिए यूके समेत वैश्विक बाज़ारों में नई संभावनाएँ खुल रही हैं।

यूके में भारतीय सिरेमिक की बढ़ती मांग, मोरबी ने संभाला नेतृत्व पिछले तीन-चार वर्षों में भारतीय सिरेमिक निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है और यूके को निर्यात तीन गुना बढ़कर एफवाय 2024-25 में 110 मिलियन डॉलर तक पहुँच गया है, जिसमें मोरबी अकेले 65 प्रतिशत यानी 71.6 मिलियन डॉलर का योगदान देता है। यह तेज़ वृद्धि यूके बाज़ार में पोर्सिलेन स्लैब, टाइल्स और क्वार्ट्ज उत्पादों जैसी प्रीमियम निर्माण सामग्रियों की बढ़ती मांग को स्पष्ट रूप से दर्शाती है।

सिरेमिक क्षेत्र की संभावनाएँ लगातार बढ़ रही हैं, जिन्हें शहरीकरण की तेज़ रफ्तार, सरकारी आवास योजनाएँ और स्वच्छ भारत मिशन जैसी पहलों से और बल मिल रहा है। मोरबी का सिरेमिक और सैनिटरीवेयर उद्योग वॉल और फ्लोर टाइलों से लेकर विभिन्न बाथरूम एक्सेसरीज़ तक उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का निर्माण करता है। अपनी उत्कृष्ट उत्पादन क्षमता और निर्यात प्रदर्शन के आधार पर मोरबी को भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा सिरेमिक टाइल्स एवं सैनिटरीवेयर श्रेणी में "टाउन ऑफ एक्सपोर्ट एक्सीलेंस" (टीईई) का दर्जा प्रदान किया गया है, जिससे इसकी वैश्विक पहचान और भी सशक्त हुई है।

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