मुंबई , अक्टूबर 09 -- भारत और ब्रिटेन ने द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को मज़बूत बनाने के उद्देश्य से कनेक्टिविटी और इनोवेशन सेंटर की स्थापना, भारत-ब्रिटेन संयुक्त कृत्रिम बुद्धिमत्ता केंद्र, महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखला ऑब्ज़र्वेटरी के दूसरे चरण के शुभारंभ, शिक्षा क्षेत्र में सहयोग और पुनर्गठित भारत-ब्रिटेन सीईओ फोरम की बैठक जैसे कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। भारत यात्रा पर आये ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरूवार को यहां राजभवन में अकेले तथा शिष्टमंडल स्तर की वार्ता की।

वार्ता के बाद संयुक्त वक्तव्य में दोनों प्रधानमंत्रियों ने कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच साझेदारी को स्वभाविक और साझा मूल्यों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि उनकी साझेदारी वैश्विक स्थिरता और आर्थिक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है।

श्री स्टारमर ने भारत की विकास गाथा को 'उल्लेखनीय' बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत 2047 तक विकसित भारत के विजन को साकार करने की राह पर है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन भारत की इस यात्रा में भागीदार बनना चाहता है। इस अवसर पर दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को मज़बूत बनाने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जिनमें भारत-ब्रिटेन कनेक्टिविटी और इनोवेशन सेंटर की स्थापना, भारत-ब्रिटेन संयुक्त संयुक्त बुद्धिमत्ता केंद्र, महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखला ऑब्ज़र्वेटरी के दूसरे चरण का शुभारंभ और पुनर्गठित भारत-ब्रिटेन सीईओ फोरम की बैठक शामिल है। इनसे व्यापार, प्रौद्योगिकी और नवाचार में गहन सहयोग के लिए दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि होती है।

श्री स्टारमर ने कहा कि उनके साथ ब्रिटेन का एक बड़ा व्यापार प्रतिनिधिमंडल भी आया है और यह यात्रा निवेश को बढ़ावा देने, रोज़गार सृजन और नवाचार को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।

उन्होंने कहा ," यह भी अपने आप में महत्वपूर्ण है कि हम भारत की आर्थिक और वित्तीय राजधानी मुंबई में मिल रहे हैं। भारत की विकास गाथा अद्भुत है। मैं प्रधानमंत्री को उनके नेतृत्व के लिए बधाई देना चाहता हूं भारत का लक्ष्य 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना है। आपका दृष्टिकोण इसे 2047 तक पूरी तरह से विकसित देश बनाना है। जब से मैं यहां आया हूं, मैंने जो कुछ भी देखा है, वह मेरे लिए इस बात का पूर्ण प्रमाण है कि आप इसमें सफलता की राह पर हैं। हम इस यात्रा में भागीदार बनना चाहते हैं। "इस दौरान ब्रिटिश सरकार और भारतीय स्टेट बैंक के बीच एक रणनीतिक समझौता ज्ञापन के तहत जलवायु प्रौद्योगिकी स्टार्टअप फंड में एक नए संयुक्त निवेश की भी घोषणा की गई। इसमें जलवायु प्रौद्योगिकी और एआई जैसे क्षेत्रों में नवाचार पर काम किया जायेगा।

श्री स्टारमर ने कहा, " ब्रिटेन और भारत प्रौद्योगिकी और नवाचार में अग्रणी देश के रूप में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। इसलिए, हमने एआई, उन्नत संचार, रक्षा प्रौद्योगिकियों और अन्य क्षेत्रों पर नई प्रतिबद्धताओं के साथ अपनी प्रौद्योगिकी, सुरक्षा पहल के माध्यम से अपने सहयोग को गहरा करने का निर्णय लिया है।"ब्रिटेन ने शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग को आगे बढाते हुए बेंगलुरु में लैंकेस्टर विश्वविद्यालय के परिसर के उद्घाटन के लिए एक आशय पत्र सौंपा और गिफ्ट सिटी में सरे विश्वविद्यालय के परिसर के उद्घाटन के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी गई। श्री स्टार्मर ने कहा, " सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली उच्च शिक्षा की मांग बहुत ज़्यादा है। इसलिए मुझे यह घोषणा करते हुए बेहद खुशी हो रही है कि और भी ब्रिटिश विश्वविद्यालय भारत में अपने परिसर स्थापित करेंगे, जिससे ब्रिटेन भारत में उच्च शिक्षा का अग्रणी अंतरराष्ट्रीय सहयोगी बन जाएगा और हमारे विज़न 2035 को साकार करेगा।"दोनों पक्षों ने जलवायु, स्वास्थ्य और अनुसंधान के क्षेत्र में बायो-मेडिकल रिसर्च करियर प्रोग्राम के तीसरे चरण के शुभारंभ, ऑफशोर विंड टास्कफोर्स की स्थापना और स्वास्थ्य अनुसंधान पर आईसीएमआर और एनआईएचआर के बीच एक आशय पत्र (एलओआई) की भी घोषणा की गयी।

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