नई दिल्ली, सितंबर 26 -- दूरसंचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश की एक महती उपलब्धि की पुष्टि के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को भारत संचार निगम लि (बीएसएनएल) के पूरी तरह स्वदेशी 4जी नेटवर्क का उद्घाटन करेंगे । यह भविष्य में 5जी के लिए उन्नत किया जा सकेगा।
केन्द्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए यहां संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी शनिवार को दूरसंचार क्षेत्र में दो महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत करेंगे। इसमें एक देशभर में करीब 98,000 मोबाइल 4जी टावरों की स्थापना की पहल है। दूसरी पहल पूरी तरह स्वदेशी 4जी नेटवर्क का शुभारंभ की है जो पूरी तरह स्वदेशी सॉफ्टवेयर-आधारित, क्लाउड-आधारित और भविष्य में 5जी के लिए तैयार है।
श्री सिंधिया के पास पूर्वोत्तर क्षेत्र विभाग की भी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, "भारत का कोई भी हिस्सा इस नेटवर्क से अछूता नहीं रहेगा।" उन्होंने बताया कि ये 4जी टावर पहले ही देश के 2.2 करोड़ ग्राहकों को सेवा दे रहे हैं। यह स्वदेशी 4जी नेटवर्क बीएसएनएल द्वारा लागू किया गया है। इसमें रेडियो एक्सेस नेटवर्क (आएएन) तेजस नेटवर्क ने विकसित किया है, कोर नेटवर्क सी-डॉक ने बनाया है और टीसीएन कंपनी ने इसे समन्वित किया है।
दूरसंचार मंत्री ने कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है, क्योंकि भारत अब दुनिया के शीर्ष दूरसंचार नेटवर्क उपकरण निर्माताओं की श्रेणी में शामिल हो गया है।
उन्होंने आम नागरिक के लिए इस पहल के महत्व का उदाहरण देते हुए कहा कि बिहार के छात्रों को अब विश्वस्तरीय ऑनलाइन शिक्षा तक आसानी से पहुँच मिलेगी। पंजाब के किसान मंडी भाव की जानकारी रियल-टाइम में प्राप्त कर सकेंगे। कश्मीर में तैनात सैनिक अपने परिवार से जुड़े रहेंगे। उत्तर-पूर्व के उद्यमियों को अंतरराष्ट्रीय अनुभव और फंडिंग तक पहुंच मिलेगी। इस 4जी इंफ्रास्ट्रक्चर का उद्देश्य हर भौगोलिक स्थिति या पृष्ठभूमि के भारतीय को सशक्त बनाना है।
इसके अलावा डिजिटल भारत निधि (डीबीएन) के तहत बीएसएनएल के 4जी संतृप्ति नेटवर्क के तहत करीब 29,000 गांवों को जोड़ा गया है। यह बीएसएनएल की 25वीं वर्षगांठ से पहले एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।
इस अवसर पर दूरसंचार सचिव डॉ. नीरज मित्तल ने कहा कि कुछ साल पहले असंभव लगने वाली स्वदेशी 4जी तकनीक अब वास्तविकता बन गई है। उन्होंने यह भी बताया कि युवाओं, उद्योग और लगातार निगरानी की मदद से भारत दूरसंचार में आत्मनिर्भर बन चुका है और अब यह तकनीक विश्व स्तर पर निर्यात करने की स्थिति में है। यह प्रधानमंत्री के डिजिटल भारत और वैश्विक नेतृत्व के विज़न के अनुरूप है।
उन्होंने कहा कि आज भारत उच्च गुणवत्ता वाली टेलीकॉम सेवाओं को 1.2 अरब लोगों तक पहुंचा रहा है और साथ ही टेलीकॉम उपकरण निर्माण में विश्वस्तरीय केंद्र के रूप में स्थापित हो रहा है।
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