मस्कट , दिसम्बर 18 -- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओमान के उद्योगपतियों से भारत में निवेश का आह्वान करते हुए कहा है कि दोनों देशों के उद्योगपतियों को भारत -ओमान व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते का पूरी क्षमता से लाभ उठाना चाहिए। श्री मोदी ने गुरुवार को यहां भारत और ओमान के उद्योगपतियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच सदियों पुराने समुद्री व्यापार संबंध हैं जो मांडवी से मस्कट तक फैले हुए हैं और जीवंत वाणिज्यिक आदान-प्रदान की नींव हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच 70 साल के राजनयिक संबंध सदियों से बने विश्वास और दोस्ती को दर्शाते हैं।

प्रधानमंत्री ने उद्योगपतियों से भारत-ओमान व्यापक आर्थिक साझेदारी (सीईपीए) का पूरी क्षमता से फायदा उठाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह समझौता भारत-ओमान के साझा भविष्य के लिए ब्लूप्रिंट है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस समझौते से द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों में नई ऊर्जा पैदा होगी और परस्पर विकास, नवाचार और रोज़गार के अवसर पैदा होंगे।

पिछले 11 वर्षों में भारत की आर्थिक सफलता पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि देश अगली पीढ़ी के सुधारों, नीतिगत निश्चितता, सुशासन और उच्च निवेशक विश्वास के दम पर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। उन्होंने आगे कहा कि वैश्विक अनिश्चितता के माहौल में भारत की उच्च वृद्धि - पिछली तिमाही में 8% से अधिक - इसकी लचीली प्रकृति और अंतर्निहित शक्तियों को दर्शाती है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत "जीवन की सुगमता" और "व्यापार करने में आसानी" को बढ़ावा देने के लिए विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला, विनिर्माण क्षमता और हरित विकास बनाने के लिए तेज़ी और बड़े पैमाने पर काम कर रहा है। उन्होंने ओमान के व्यवसायों को ऊर्जा, तेल और गैस, पेट्रोकेमिकल्स और उर्वरकों के पारंपरिक क्षेत्रों से परे देखने और हरित ऊर्जा, सौर पार्क, ऊर्जा भंडारण, स्मार्ट ग्रिड, एग्री-टेक, फिनटेक, AI और साइबर सुरक्षा के क्षेत्रों में अवसरों का पता लगाने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने व्यापार साझेदारी को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए भारत-ओमान कृषि नवाचार केंद्र और भारत-ओमान नवाचार पुल बनाने का प्रस्ताव दिया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि ये सिर्फ़ विचार नहीं हैं, बल्कि निवेश करने, नवाचार करने और मिलकर भविष्य बनाने का निमंत्रण है। प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम में बिज़नेस लीडर्स की मज़बूत मौजूदगी की तारीफ़ की और उनसे एंटरप्राइज़ को पॉलिसी के साथ जोड़ने और CEPA को आगे बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने फिर से कहा कि भारत और ओमान सिर्फ़ करीबी पड़ोसी नहीं हैं, बल्कि रणनीतिक साझेदार हैं जो इस क्षेत्र और उससे बाहर स्थिरता, विकास और साझा समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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