मधुबनी, सितंबर 28 -- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रविवार को "मन की बात" के 126वें एपिसोड में मिथिला चित्रकला में उत्कृष्ट योगदान के लिए सराहना मिलने के बाद बिहार के मधुबनी जिले की निवासी स्वीटी कुमारी का उत्साह सातवें आसमान पर है और उसने कहा है कि भविष्य में वह खुद को मिथिला चित्रकला के लिए समर्पित कर देगी।

मधुबनी जिले के झंझारपुर प्रखंड के लोहना गाँव की तेईस वर्षीय स्वीटी ने यूनीवार्ता को बताया कि प्रधानमंत्री मोदी से मिली सराहना उसके लिए बहुत मायने रखती है और इस प्रोत्साहन के बाद वह बहुत प्रेरित और उत्साहित महसूस कर रही हैं। उन्होंने कहा कि श्री मोदी के उत्साहवर्धन के बाद पारंपरिक रूप से समृद्ध मिथिला चित्रकला के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पहले से ज्यादा मज़बूत होगी। उन्होंने कहा कि भविष्य में उनकी कोशिश होगी कि इस इलाके की अधिक से अधिक महिलाओं को मिथिला चित्रकला को पेशेवर करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाये।

सुश्री स्वीटी ने कहा कि कुछ महिलाओं को मिथिला चित्रकला में उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए पद्मश्री पुरस्कार मिला है, जिनसे उनको प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा कि जगदम्बा देवी, गंगा देवी, सीता देवी, बौआ देवी, महासूरी देवी, दुलारी देवी और गोदावरी देवी मिथिला चित्रकला के वो मशहूर नाम हैं जिन्हें भारत के राष्ट्रपति के हाथो पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्होंने कहा कि ये महिलाएँ मिथिलांचल में प्रेरणा की स्रोत हैं और इस कला के प्रति उनके समर्पण ने मिथिला चित्रकला को एक नया आयाम दिया है।

सुश्री स्वीटी ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2017 में मिथिला पेंटिंग शुरू की और मधुबनी ज़िले में 'जन कौशल संस्थान' नामक संस्था से जुड़ी थी। आरम्भ में मिथिला चित्रकला उनकी हॉबी थी लेकिन धीरे-धीरे यह कला उनके लिए आजीविका का स्रोत बन गई। इसके बाद उन्होंने "संकल्प क्रिएशन" की स्थापना की जिससे पाँच सौ से ज़्यादा महिलाएँ जुड़ कर अपनी आजीविका कमा रही हैं। उन्होंने कहा कि 16 सितंबर को दिल्ली हाट में मिथिला पेंटिंग का एक स्टॉल शुरू किया गया है जो 30 सितंबर तक खुला रहेगा।

स्वीटी ने कहा कि मैं अधिक से अधिक महिलाओं को मिथिला पेंटिंग से जोड़ने के लिए काम करती रहूँगी ताकि वे आत्मनिर्भर बनने के साथ इस कला को राष्ट्रीय स्तर आगे बढ़ाने में मदद भी करें।

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