पटना , अक्टूबर 04 -- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को नई दिल्ली में आयोजित कौशल दीक्षांत समारोह में विभिन्न युवा-केंद्रित योजनाओं का शुभारंभ किया, जिसके माध्यम से देश भर में और खासकर बिहार में शिक्षा, कौशल और उद्यमिता को एक नया स्वरुप मिलेगा और श्री मोदी के संबोधन से ऐसे संकेत मिले हैं कि लंबे समय से प्रदेश में चली आ रही जाति एवं धर्म पर आधारित राजनीति धीरे धीरे शिक्षा, रोजागर और पलायन जैसी मूलभूत जरूरतों की तरफ मुड़ने लगी हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा किसी भी समय चुनाव आयोग कर सकता है। पिछले गई दशकों से बिहार की राजनीति जाति और धर्म के इर्द गिर्द घूमती रही है लेकिन पिछले कुछ वर्षों से बिहार में बेरोजगारी और पलायन बड़े मुद्दे के रूप में उभर कर सामने आये हैं। इन दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बिहार में सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के नेता जिनमें प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान और जनसुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर शामिल हैं, एक स्वर में प्रदेश में पलायन और रोजगार की बात कर रहे हैं।

जनसुराज के सूत्रधार श्री किशोर ने पहली बार तीन साल पहले अपनी पदयात्रा के दौरान बिहार के गांवों में जा कर प्रदेश की बेरोजगारी और पलायन के मुद्दे को जोर शोर से उठाना शुरू किया था। उस समय श्री किशोर को बिहार के राजनेताओं ने बहुत गंभीरता ने नही लिया था। उस समय कोई सोच ही नही सकता था कि बिहार की राजनीति इतनी आसानी से जाति धर्म की सोच से निकल कर किसी और मुद्दे पर केन्द्रित होगी लेकिन धीरे-धीरे बिहार में बेरोजगारी और पलायन का मुद्दा बड़ा हो गया और आज प्रधानमंत्री द्वारा बिहार में शिक्षा और कौशल विकास से जुड़ी योजनाओं की शुरुआत और उसमें बिहार को मिलने वाला बड़ा भाग उसी परिवर्तन को बयान कर रहा है।

आज प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि बिहार में मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, आईटीआई की संख्या बढ़ाई जा रही है। उन्होंने कहा कि देश के बाकी राज्यों के मुकाबले बिहार में युवा शक्ति अनुपातिक तौर पर ज्यादा है और भारत को विकसित देश बनाने में उनका अहम योगदान रहेगा। उन्होंने जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय की विशेष चर्चा की जो प्रदेश में रोजगार उत्पन्न करने की दिशा में एक बड़ी भूमिका अदा कर सकता है।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने आज जिन 200 हब आईटीआई और 800 स्पोक आईटीआई को इस योजना का हिस्सा बनाया उनके कार्यान्वयन के प्रथम चरण में पटना और दरभंगा के आईटीआई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित