नयी दिल्ली , नवम्बर 10 -- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंगलवार से शुरू हो रही भूटान की दो दिन की राजकीय यात्रा के दौरान भारत और भूटान के बीच मज़बूत आध्यात्मिक तथा सांस्कृतिक संबंधों के साथ-साथ ऊर्जा, ढांचागत संरचना और विकास के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर विशेष ज़ोर दिया जाएगा। प्रधानमंत्री की यह यात्रा ऐसे समय पर हो रही है जब भारत से भगवान बुद्ध के ' पिपरावा पवित्र अवशेषों' का प्रदर्शन किया जा रहा है।
भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे की मौजूदगी में शनिवार को भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को थिम्फू स्थित बौद्ध मठ ताशिछोडज़ोंग में स्थापित किया गया। इन अवशेषों को 17 नवंबर तक जनता के दर्शन के लिए रखा जाएगा।
श्री मोदी ने रविवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, " भारत से भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का आदरपूर्वक स्वागत करने के लिए भूटान के लोगों और नेतृत्व का हार्दिक आभार।" उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध की शिक्षाएं दोनों देशों की साझा आध्यात्मिक विरासत के बीच एक पवित्र कड़ी हैं।
प्रधानमंत्री मोदी भूटान यात्रा के दौरान ताशिछोडज़ोंग में पवित्र अवशेषों की पूजा करेंगे और भूटान की शाही सरकार द्वारा आयोजित वैश्विक शांति प्रार्थना महोत्सव में भाग लेंगे।
बौद्ध धर्म दोनों देशों को जोड़ने वाला एक मज़बूत आध्यात्मिक बंधन है जिसके तहत भूटान से कई तीर्थयात्री बुद्ध की भूमि भारत आते हैं।
इससे पहले गत सितंबर में भूटान के प्रधानमंत्री ने भूटान के आध्यात्मिक प्रमुख जे खेनपो के साथ बिहार के राजगीर में शाही भूटान बौद्ध मंदिर के उद्घाटन में भाग लिया था जहां भगतवान बुद्ध ने काफी समय बिताया था। यह मंदिर परियोजना 2018 में शुरू की गई थी।
भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे ने अयोध्या का भी दौरा किया और राम मंदिर में पूजा-अर्चना की।
इससे पहले फरवरी में भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने प्रयागराज में महाकुंभ का दौरा किया था और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान करने के बाद धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लिया था। यह यात्रा प्रधानमंत्री मोदी के निमंत्रण पर हुई थी।
ये उदाहरण दोनों देशों के बीच मज़बूत आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संबंधों पर ज़ोर देते हैं जिन्हें प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान और मज़बूती मिलेगी।
श्री मोदी भूटान के अपने समकक्ष शेरिंग टोबगे से भी मिलेंगे। प्रधानमंत्री भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से भी मुलाकात करेंगे और दोनों नेता भारत और भूटान सरकार द्वारा मिलकर बनाए गई 1020 मेगावाट की पुनात्सांगछू-दो पनबिजली परियोजना का उद्घाटन करेंगे।
श्री मोदी भूटान के चौथे राजा रहे राजा जिग्मे सिंग्ये वांगचुक की 70वीं जयंती के समारोह में भी शामिल होंगे जिन्होंने 20 वर्ष पहले लोकतंत्र की स्थापना के समय गद्दी छोड़ दी थी।
भारत और भूटान करीबी रिश्ते बनाने के तहत दो क्रॉस-बॉर्डर रेलवे लिंक भी बना रहे हैं। इनमें कोकराझार-गेलेफू और बनारहाट-समत्से रेल लाइनों के लिए भारत राशि दे रहा है । इस परियोजना की घोषणा सितंबर में की गई थी।
वर्ष 2024 में भूटान के राजा ने प्रधानमंत्री मोदी को भूटान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो' से सम्मानित किया था। यह द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने में उनके बेहतरीन योगदान के लिए दिया गया। श्री मोदी यह प्रतिष्ठित सम्मान पाने वाले पहले विदेशी नागरिक हैं।
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