मेहसाणा , अक्टूबर 09 -- वाइब्रेंट गुजरात क्षेत्रीय परिषद् (वीजीआरसी), मेहसाणा में गुरुवार को महत्वपूर्ण सेमीकंडक्टर वर्कफोर्स डेवलपमेंट सत्र का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया, जिसमें गुजरात ने वीजीआरसी के दौरान सेमीकंडक्टर वर्कफोर्स को वेग देने के लिए 'फ्रॉम विजन टु वेलोसिटी' थीम लॉन्च की है।

देश के रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मुख्य कार्यक्रम में संबोधित करते हुए इस महत्वपूर्ण सेक्टर में कुशल टैलेंट की राष्ट्रीय आवश्यकता पर प्रकास डाला था। इसके अतिरिक्त विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव पी. भारती, गुजरात राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स मिशन की निदेशक नेहा कुमारी, भारतीय सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के निदेशक मनीष हुडा, गतिशक्ति यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. डॉ. मनोज चौधरी ने भी विभिन्न प्रेजेंटेशन्स द्वारा इस विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए।

गुजरात के सेमीकंडक्टर क्षेत्र की प्रतिभा के लिए उद्योग तथा शिक्षा का समन्वय वीजीआरसी-मेहसाणा में केन्द्र में रहा। यह उत्तर गुजरात की वीजीआरसी मेहसाणा स्थित गणपत विश्वविद्यालय में आयोजित हुई है। गुरुवार को पहले दिन एक महत्वपूर्ण वर्कफोर्स डेवलपमेंट सेशन का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस सत्र की थीम 'दृष्टि से वेग की ओर सेमीकंडक्टर चिप के लिए कार्यबल विकास' थी। इसमें गुजरात के विकासशील सेमीकंडक्टर उद्योग को समर्थन देने तथा राज्य के टैलेंट इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए रणनीतिक रूप से ध्यान केन्द्रित किया गया।

इस कॉन्फ्रेंस ने सेमीकंडक्टर, मैन्युफैक्चरिंग तथा डिजाइन के लिए वैश्विक हब के रूप में स्वयं को स्थापित करने के गुजरात के दृढ़ संकल्प को रेखांकित किया है। इस सत्र में अग्रगण्य महानुभाव उपस्थित रहे। इनमें ग्रिट की सीईओ एस. अपर्णा ने सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम में राज्य की अग्रसर भूमिका पर बल दिया और साथ ही गुजरात की सेमीकंडक्टर प्रतिभा को प्रल बनाने के लिए और अच्छी से अच्छी शिक्षा पद्धति पर भी बल दिया।

शिक्षा तथा उद्योग के बीच समन्वय साधने के लिए दो पैनों के बीच दिलचस्प चर्चा आयोजित हुई। इसमें अग्रणी संस्थाओं तथा कंपनियों के विशेषज्ञों ने गुजरात के सेमीकंडक्टर टैलेंट इकोसिस्टम को मजबूत बनाने की रणनीतियों पर चर्चा कर उद्योगों की अपेक्षाओं, कौशल अंतर, पाठ्यक्रम आधुनिकीकरण तथा अत्याधुनिक उत्पाद कौशल जैसे विषयों पर सुदृढ़ विचारों के साथ प्रेजेंटेशन दिया।

इस पैनल चर्चा में डॉ. एस. मनोहरन, डीजी, पीडीईयू, प्रो. निहार मापात्रा, आईआईटी-गांधीनगर, शहबाज सैयद, हेड टीए, माइक्रॉन सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी इंडिया, डॉ. राजगोपालन पांडे, सहायक प्रोफेसर, नैमटेक, डॉ. कमलजीत सिंह, महानिदेशक, एससीएल सहभागी हुए।

इस महत्वपूर्ण सत्र में आईआईटी-गांधीनगर के निदेशक प्रो. रजत मूना ने अपने वक्तव्य के बाद एमओयू का आदान-प्रदान किया। इस एमओयू में गुजरात सरकार के समर्थ प्रोजेक्ट के लिए आईआईटी-गांधीनगर के साथ मिलकर दिगंतरा उनकी नई सुविधा के लिए, गतिशक्ति यूनिवर्सिटी तथा बैंक आदि के साथ भागीदारी शामिल हैं। इसके अलावा कार्यबल विकास के लिए मॉन्क9 तथा निरमा विश्वविद्यालय के बीच भागीदारी का भी समावेश किया गया।

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