पटना , अक्टूबर 07 -- बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल की अध्यक्षता में मंगलवार को सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और पारदर्शी बनाना था।
बैठक में चुनाव आयोग की ओर से जारी आदर्श आचार संहिता, प्रत्याशियों के आचरण, चुनावी व्यय, प्रचार के नियम, स्टार प्रचारकों की सूची, आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों की जानकारी, मीडिया निगरानी व्यवस्था और मतदाता सूची से जुड़े पहलुओं पर चर्चा की गई।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने विभिन्न दलों के उपस्थित प्रतिनिधियों को बताया कि आदर्श आचार संहिता 6 अक्टूबर से राज्यभर में प्रभावी हो चुकी है। सभी राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को आयोग की ओर से जारी दिशा- निर्देशों का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। उन्होंने कहा कि सीविजिल ऐप के माध्यम से आम लोग चुनाव आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत कर सकते हैं, जिसे संबंधित जिला निर्वाचन पदाधिकारी समयबद्ध ढंग से सुलझायेंगे।
बैठक के दौरान मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री गुंजियाल ने कहा कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों को अपने मामलों की जानकारी न केवल चुनाव आयोग को देनी होगी, बल्कि उसे समाचार पत्रों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशित भी करना होगा। राजनीतिक दलों को चुनाव से जुड़ी अधिसूचना के 7 दिनों के भीतर स्टार प्रचारकों की सूची मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय को सौंपनी होगी। उन्होंने बताया कि मान्यता प्राप्त दलों को 40 और अन्य दलों को 20 स्टार प्रचारक रखने की अनुमति है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री गुंजियाल ने कहा कि विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के खर्च की सीमा 40 लाख रुपये तय की गई है। इसमें रैली, पोस्टर, वाहन, विज्ञापन आदि का खर्च शामिल रहेगा। शराब, नकद, या उपहार जैसी वस्तुओं का वितरण अपराध की श्रेणी में आता है और यह लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत दंडनीय है।
उन्होंने कहा कि मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति राज्य और जिला स्तर पर कार्यरत है, जो चुनाव प्रचार से संबंधित विज्ञापनों की पूर्व स्वीकृति सुनिश्चित करती है। विज्ञापन से जुड़ी अपील राज्य स्तर की समिति के समक्ष की जा सकती है।
श्री गुंजियाल ने बताया कि निर्वाचक सूची का अंतिम प्रकाशन 30 सितंबर को किया गया है। अब सूची से नाम हटाने की अनुमति नहीं है, लेकिन नाम जोड़ने के लिये आवेदन नामांकन की अंतिम तिथि से 10 दिन पहले तक दिये जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि मतदाता जागरूकता को लेकर स्थापित ईवीएम डेमो सेंटर और मोबाइल डेमो वैन को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री गुंजियाल ने सभी दलों से कानून का पालन करने और स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव के लिये प्रशासन का सहयोग करने की अपील की। उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव में किसी भी प्रकार की अनियमितता या आचार संहिता उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
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