आइजोल, सितंबर 29 -- मिजोरम पशुपालन एवं पशु चिकित्सा सेवा निदेशालय ने पुष्टि की है कि कोलासिब जिले के सैपुम गांव के पास पाया गया जंगली सूअर का शव अफ्रीकी स्वाइन बुखार (एएसएफ) से संक्रमित था।
असम सीमा के निकट एक जंगली क्षेत्र में पाए गए सूअर के अस्थि मज्जा की प्रारंभिक प्रयोगशाला जांच में वायरस की पुष्टि हुई। इसकी पुष्टि बाद में 26 सितंबर को आइजोल के सेलेसिह स्थित पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालय द्वारा की गई।
इस पुष्टि ने राज्य में एएसएफ के निरंतर प्रसार को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं जो 20 मार्च से वायरस के पुनरुत्थान से जूझ रहा है जब गुवाहाटी में पहली बार प्रकोप की पुष्टि हुई थी।
पशु चिकित्सा अधिकारियों के अनुसार, एएसएफ के प्रकोप के कारण राज्य भर में 9,378 सूअरों की मौत हो चुकी है तथा प्रसार को नियंत्रित करने के लिए 3,454 सूअरों को मार दिया गया है।
म्यांमार सीमा पर चम्फाई जिले में स्थित खौबुंग गांव में आज एएसएफ के कारण 10 सूअरों की मौत हो गई जिससे इस बीमारी के फैलने की आशंका और बढ़ गई है।
इस प्रकोप ने अब तक मिज़ोरम के आठ ज़िलों के 162 गांवों के 3,686 परिवारों को प्रभावित किया है। म्यांमार की सीमा से लगा सबसे दक्षिणी ज़िला सियाहा सबसे ज़्यादा प्रभावित क्षेत्र बना हुआ है, जहां सबसे ज़्यादा संख्या में सूअरों की मौत हुई है।
आज तक, सियाहा में 3,381 सूअरों की मौत हो चुकी है, जिससे 38 गांवों के 1,295 परिवार प्रभावित हुए हैं। लॉन्ग्टलाई ज़िले में 1,771 सूअरों की मौत हुई है, जिससे 18 गांवों के 381 परिवार प्रभावित हुए हैं।
प्रकोप को रोकने के लिए पशु चिकित्सा विभाग ने प्रभावित क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर वध किया है।
लुंगलेई जिले में सबसे अधिक संख्या में 1,619 सूअरों को मारा गया है, जबकि सियाहा जिले में 935 सूअरों को मारा गया है।
अधिकारी किसानों से सतर्क रहने और एएसएफ के प्रसार को रोकने के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों के प्रयासों में सहयोग करने का आग्रह कर रहे हैं।
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