नयी दिल्ली , नवंबर 17 -- केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री जीतन राम मांझी ने सोमवार को यहां भारत मंडपम में चल रहे 44वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में एमएसएमई, खदी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) और कॉयर मंडपों का एनएसएसएच मंडप का उद्घाटन किया।
ये मंडप हाल संख्या 6 और 5 में खोले गये हैं । इस अवसर पर एमएसएमई राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे और खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष मनोज कुमार , एमएसएमई मंत्रालय, विकास आयुक्त कार्यालय , केवीआईसी, राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी) और कॉयर बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
श्री मांझी और सुश्री करंदलाजे ने उद्घाटन समारोह के बाद मंडपों के स्टालों का दौरा किया और विभिन्न पारंपरिक विनिर्माण प्रक्रियाओं का लाइव प्रस्तुतिकरण देखा तथा प्रतिभागियों और प्रदर्शकों का उत्साहवर्धन किया। मेला 14-27 नवंबर तक चलेगा।
मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार इन मंडपों में "वाइब्रेंट एमएसएमई, विकसित भारत" , समावेशी विकास को तथा आत्मनिर्भर भारत के सपने में एमएसएमई क्षेत्र की भूमिका और महत्व को दर्शाया गया है ।
कुल 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसई) के साथ-साथ विश्वकर्माओं को मेले में कुल 292 स्टॉल आवंटित किए गए हैं, जो एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को प्रदर्शित करते हैं। इनमें 67 प्रतिशत से अधिक स्टॉल महिला उद्यमियों और 34 प्रतिशत से अधिक स्टॉल अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों को आवंटित किए गए हैं। दिव्यांग उद्यमियों को आवंटित स्टॉल की संख्या 15 है तथा 43 स्टॉल विशिष्ट भौगोलिक पहचान प्राप्त (जीआई ठप्पा प्राप्त) उत्पादों को प्रदर्शित कर रहे हैं1 इसी तरह 15 स्टॉल ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) वस्तुओं को समर्पित हैं।
इस बार मेले में मंत्रालय के स्टालों पर भाग लेने वाले 288 सूक्ष्म उद्यमों के प्रतिभागी पहली बार मेले में आये हैं। विज्ञप्ति के अनुसार एक चौथाई से अधिक स्टॉल विश्वकर्मा को आवंटित किए गए हैं । इन स्टालों पर प्रदर्शित किए गए उत्पादों के विभिन्न खंडों में वस्त्र, हथकरघा, हस्तशिल्प, हरित और पर्यावरण अनुकूल उत्पाद, विश्वकर्मा द्वारा निर्मित उत्पाद, कांच और चीनी मिट्टी की वस्तुएं, चमड़े के सामान, सौंदर्य उत्पाद, धातु शिल्प, खेल और खिलौने, सूखे मेवे, खाद्य उत्पाद, कॉयर उत्पाद और देश भर से कई अन्य अनूठी प्रस्तुतियाँ शामिल हैं।
कॉयर बोर्ड के मंडप में देश के विभिन्न भागों से 31 प्रदर्शकों ने भाग लिया है, जो विभिन्न प्रकार के अद्वितीय हस्तशिल्प और हस्तनिर्मित खिलौने, आभूषण आदि बनाने में कॉयर श्रमिकों के कौशल और शिल्प कौशल को दर्शाते हैं।
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