वर्ष 1947 में हेमंत कुमार ने बंगला फिल्म ..अभियात्री .. के लिये बतौर संगीतकार काम किया।इस बीच हेमंत कुमार भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) के सक्रिय सदस्य के रूप में काम करने लगे । धीरे ..धीरे हेमंत कुमार बंगला फिल्मों में बतौर संगीतकार अपनी पहचान बनाते चले गये ।इस दौरान हेमंत कुमार ने कई बंगला फिल्मों के लिये संगीत दिया जिनमें हेमेन गुप्ता निर्देशित कई फिल्में शामिल है ।कुछ समय के बाद हेमेन गुप्ता मुंबई आ गये और उन्होंने हेमंत कुमार को भी मुंबई आने का न्यौता दिया । वर्ष 1951 में फिल्मीस्तान के बैनर तले बनने वाली अपनी पहली हिन्दी फिल्म ..आनंद मठ .. के लिये हेमेन गुप्ता ने हेमंत कुमार से संगीत देने की पेशकश की । फिल्म आनंदमठ की सफलता के बाद हेमंत कुमार बतौर संगीतकार फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित हो गये। फिल्म आनंदमठ में लता मंगेश्कर की आवाज में गाया हुआ ..वंदे मातरम .. आज भी श्रोताओं को भावावेश में ला देता है।वर्ष 1954 में हेमंत कुमार के संगीत से सजी फिल्म ..नागिन .. की सफलता के बाद हेमंत कुमार सफलता के शिखर पर पहुंच गये। फिल्म नागिन का एक गीत .. मन डोले मेरा तन डोले .. आज भी श्रोताओं के बीच काफी लोकप्रिय है। इस फिल्म के लिये हेमंत कुमार सर्वश्रेष्ठ संगीतकार के फिल्म फेयर पुरस्कार से भी सम्मानित किये गये।वर्ष 1959 में हेमंत कुमार ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रखा और ..हेमंता बेला प्रोडक्शन .. नाम की फिल्म कंपनी की स्थापना की जिसके बैनर तले मृणाल सेन के निर्देशन में एक बंगला फिल्म ..नील आकाशेर नीचे .. का निर्माण किया । इस फिल्म को प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल दिया गया। इसके बाद हेमंत कुमार ने अपने बैनर तले बीस साल बाद .कोहरा बीबी और मकान .फरार . राहगीर और खामोशी 1969 जैसी कई हिन्दी फिल्मों का भी निर्माण किया।वर्ष 1971 में हेमंत कुमार ने एक बंगला फिल्म ..आनंदिता .. का निर्देशन भी किया लेकिन यह फिल्म बॉक्स आफिस पर बुरी तरह से नकार दी गयी। वर्ष 1979 में हेमंत कुमार ने चालीस और पचास के दशक में सलिल चौधरी के संगीत निर्देशन मे गाये गानों को दोबारा रिकार्ड कराया और उसे ..लीजेंड ऑफ ग्लोरी -2 .. के रूप में जारी किया और यह एलबम काफी सफल भी रही।वर्ष 1989 मे हेमंत कुमार बंगलादेश के ढाका शहर में ..माइकल मधुसूधन अवार्ड.. लेने गये जहां उन्होंने एक संगीत समारोह में हिस्सा भी लिया। समारोह की समाप्ति के बाद भारत लौटने के बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ा। जिसके बाद हेमंत कुमार 26 सिंतबर 1989 को इस दुनिया को अलविदा कह गये।
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