इसी दौरान महमूद अपने रिश्तेदार कमाल अमरोही के पास फिल्म में काम मांगने के लिए गए तो उन्होंने महमूद को यहां तक कह दिया कि आप अभिनेता मुमताज अली के पुत्र है और जरूरी नही है कि एक अभिनेता का पुत्र भी अभिनेता बन सके। आपके पास फिल्मों में अभिनय करने की योग्यता नही है, आप चाहे तो मुझसे कुछ पैसे लेकर कोई अलग व्यवसाय कर सकते है। इस तरह की बात सुनकर कोई भी मायूस हो सकता है और फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा कह सकता है लेकिन महमूद ने इस बात को चैलेंज की तरह लिया और नये जोशो खरोश के साथ क ाम करना जारी रखा।जल्द ही महमूद की मेहनत रंग लाई और वर्ष 1958 मे प्रदर्शित फिल्म परवरिश में उन्हें एक अच्छी भूमिका मिल गई। इस फिल्म में महमूद ने राजकपूर के भाई की भूमिका निभाई। इसके बाद उन्हें एल वी प्रसाद की फिल्म छोटी बहन में काम करने का अवसर मिला जो उनके सिने क रियर के लिए अहम फिल्म साबित हुई।फिल्म छोटी बहन में बतौर पारिश्रमिक महमूद को 6000 रूपए मिले। फिल्म की सफलता के बाद बतौर अभिनेता महमूद फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में सफल हो गए। वर्ष 1961 में महमूद को एम.वी. प्रसाद की फिल्म ससुराल में काम करने का अवसर मिला। इस फिल्म की सफलता के बाद बतौर हास्य अभिनेता महमूद फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने मे सफल हो गए।फिल्म ससुराल में उनकी जोड़ी अभिनेत्री शुभा खोटे के साथ काफी पसंद की गई। इसी वर्ष महमूद ने अपनी पहली फिल्म छोटे नवाब का निर्माण किया। इसके साथ ही इस फिल्म के जरिए महमूद ने आर.डी. बर्मन उर्फ पंचम दा को बतौर संगीतकार फिल्म इंडस्ट्री में पहली बार पेश किया।अपने चरित्र में आई एकरूपता से बचने के लिये महमूद ने अपने आप को विभिन्न प्रकार की भूमिका मे पेश किया। इसी क्रम में वर्ष 1968 में प्रदर्शित फिल्म पड़ोसन का नाम सबसे पहले आता है। फिल्म पड़ोसन मे महमूद ने नकारात्मक भूमिका निभाई और दर्शकों की वाहवाही लूटने मे सफल रहे। फिल्म मे महमूद पर फिल्माया एक गाना एक चतुर नार करके श्रृंगार काफी लोकप्रिय हुआ। वर्ष 1970 में प्रदर्शित फिल्म हमजोली में महमूद के अभिनय के विविध रूप दर्शकों को देखने को मिले। इस फिल्म मे महमूद ने तिहरी भूमिका निभाई और दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। उन्हें अपने सिने कैरियर मे तीन बार फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अपने पांच दशक लंबे सिने कैरियर में करीब 300 फिल्मों में अपने अभिनय का जौहर दिखाकर महमूद 23 जुलाई 2004 को इस दुनिया से हमेशा के लिए रूखसत हो गए।
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