चेन्नई , अक्टूबर 09 -- मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से 20 बच्चों की मौत के बाद इसे बनाने वाली दवा कंपनी के मालिक को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया । वहीं तमिलनाडु सरकार ने पड़ोसी कांचीपुरम् जिले में स्थित इस फैक्ट्री को स्थायी रूप से सील करने के लिए कदम उठाये हैं।

मध्य प्रदेश की एक विशेष टीम ने श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के मालिक जी. रंगनाथन को गिरफ्तार कर लिया है। इसी से जुड़े एक अन्य घटनाक्रम में श्रीपेरुमुदुर के पास स्थित इस फैक्ट्री में पिछले दो वर्षों के दौरान गुणवत्ता जांच न करने के आरोप में दो औषधि निरीक्षकों को भी गिरफ्तार किया गया है।

इन मौतों ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया, जिसके बाद कफ सिरप पर तुरंत प्रतिबंध लगा दिया गया और इसके उत्पादन को रोकने के लिए कदम उठाए गये। बच्चों की मौत कोल्ड्रिफ कफ सिरप दिए जाने के बाद हुई, जिसमें पाया गया कि डाइएथिलीन ग्लाइकॉल नामक एक हानिकारक औद्योगिक रसायन का विषाक्त स्तर पाया गया। रंगनाथन को यहां की एक अदालत से ट्रांजिट रिमांड मिलने के बाद मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा ले जाया जाएगा। जांच से पता चला कि दूषित सिरप ओडिशा और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में भी वितरित की गयी थीतमिलनाडु औषधि नियंत्रण विभाग की 26-पृष्ठ की रिपोर्ट में कांचीपुरम् स्थित विनिर्माण संयंत्र में गंभीर उल्लंघनों को उजागर किया गया है, जिसमें गैर-फार्मा-ग्रेड रसायनों का उपयोग और खराब रखरखाव वाले उपकरण शामिल हैं। तमिलनाडु औषधि नियंत्रण विभाग की जांच में संयंत्र के संचालन में 350 से अधिक उल्लंघन पाए गए, जिनमें खराब स्वच्छता, जंग लगे उपकरण और वेंटिलेशन और योग्य कर्मचारियों की कमी शामिल है।

केंद्र को सौंपी गई 26 पृष्ठों की रिपोर्ट में इन उल्लंघनों का विस्तृत विवरण दिया गया है और इन्हें 'गंभीर और अतिगंभीर' श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि प्रतिबंधित रसायन, डाइएथिलीन ग्लाइकॉल, जिसका आमतौर पर पेंट और ब्रेक ऑयल में इस्तेमाल होता है, खतरनाक रूप से उच्च सांद्रता में पाया गया, जिससे सिरप 'औषधीय के बजाय जहरीला' हो गया।

तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री मा. सुब्रमण्यन ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि पिछले दो वर्षों में विनिर्माण संयंत्र में गुणवत्ता जांच न करने के कारण दो औषधि निरीक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार और निजी अस्पतालों को श्रीसन फार्मास्युटिकल्स से कोई भी उत्पाद न खरीदने का निर्देश दिया गया है।

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