नयी दिल्ली , नवंबर 07 -- भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच मुक्त व्यापार (एफटीए) समझौता वार्ताओं का दिल्ली में पांच दिन चला दौर शुक्रवार को पूरा हुआ जिसमें दोनों पक्षों ने एक "व्यापक और संतुलित व्यापार समझौते के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।"ईयू के वार्ताकार भारत में अपने समकक्ष आधिकारियों के साथ वार्ता के लिए तीन से सात नवंबर तक राजधानी में थे। वाणिज्य मंत्रालय की शुक्रवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार इस दौरान दोनों पक्षों ने एक व्यापक, संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते की दिशा में वार्ता को आगे बढ़ाने के प्रयासों को आगे बढ़ाया।
इस दौरान विचार-विमर्श में परस्पर वस्तुओं और सेवाओं , निवेश के नियमों, व्यापार प्रक्रिया, स्वस्थ विकास की मान्यताओं, वस्तु के उद्गमके नियम और व्यापार में तकनीकी बाधाओं सहित कई विषयों पर चर्चा की गयी।
इस दौर के एक खंड में वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने यूरोपीय आयोग की व्यापार महानिदेशक सबाइन वेयंड के साथ विस्तृत बैठकें कीं, ताकि वार्ता के विभिन्न चरणों में हुई प्रगति का जायजा लिया जा सके।
विज्ञप्ति के अनुसार इसी दौरान पांच-छह नवंबर समीक्षा बैठकों में व्यापार समझौते के प्रमुख लंबित मुद्दों की समीक्षा की गई। दोनों पक्षों ने एक संतुलित व्यापार समझौता प्राप्त करने की दिशा में प्रयासों को और तेज़ करने पर सहमति व्यक्त की।
वाणिज्य सचिव ने लाभों के निष्पक्ष और संतुलित वितरण को सुनिश्चित करते हुए आर्थिक वृद्धि और विकास को बढ़ावा देने वाले परिणाम प्राप्त करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने यूरोपीय संघ के कार्बन कर ( कार्बन सीमा समायोजन तंत्र (सीबीएएम) और यूरोप में इस्पात बाजार के बारे में प्रस्तावित नये नियमों सहित सहित वहां उभरते नये नियामक और उपायों के कार्यान्वयन में स्पष्टता और निश्चितता की आवश्यकता पर भी बल दिया।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित