ब्रासोव , नवंबर 05 -- वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने बुधवार को रोमानिया की कंपनियों को भारत में विनिर्माण के लिए आमंत्रित किया।

श्री प्रसाद यहां भारत-रोमानिया बिजनेस फोरम में भारतीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन ब्रासोव के वाणिज्य एवं उद्योग मंडल ने बुखारेस्ट स्थित भारतीय दूतावास और भारत सरकार के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के सहयोग से किया था।

श्री प्रसाद ने अपने संबोधन में भारत को सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बताते हुए रोमानियाई उद्यमों को 'मेक इन इंडिया' और उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजनाओं के तहत भारत में विनिर्माण करने और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया।

"भारत में व्यापारिक अवसरों" पर दी गई प्रस्तुति में प्रमुख औद्योगिक गलियारों में हाल के नीतिगत सुधारों, व्यापार को सुगम बनाने के उपायों और राज्य-स्तरीय प्रोत्साहनों की रूपरेखा से रोमानिया के उद्योगों को अवगत कराया गया। इस सत्र के दौरान विभिन्न समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गये और भारतीय एवं रोमानियाई कंपनियों के बीच संयुक्त उपक्रमों और प्रौद्योगिकी सहयोग की संभावनाओं की तलाश के लिए व्यवसायिक वार्ता आयोजित की गयी।

इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय निवेश और औद्योगिक सहयोग का विस्तार करना था, जिसमें वाहन उद्योग, एयरोस्पेस, रक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा, इंजीनियरिंग सेवाएं और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के व्यावसायिक लोगों को एक साथ एक मंच पर लाना था।

ब्रासोव फोरम मध्य और पूर्वी यूरोप के साथ भारत के व्यापार और निवेश संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है। उसने दोनों देशों की सतत विनिर्माण, हरित ऊर्जा और उच्च-प्रौद्योगिकी उद्योगों में दीर्घकालिक आर्थिक संबंध बनाने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

ब्रासोव आधुनिक रोमानिया का प्रतीक है - जहां पारंपरिक उद्योगों का मेल नयी तकनीकों से होता है, जहां लघु एवं मध्यम उद्यमों को प्रोत्साहन मिलता है, और जहां नवाचार फलता-फूलता है। यह भावना 'मेक इन इंडिया' और 'डिजिटल इंडिया' के तहत भारत के विजन से गहराई से जुड़ी है, जहां सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम और स्टार्ट-अप समावेशी विकास के इंजन के रूप में कार्य करते हैं। ब्रासोव की औद्योगिक शक्तियों और भारत की विनिर्माण, डिजाइन और इंजीनियरिंग क्षमताओं के बीच सहयोग की अपार संभावनाएं मौजूद हैं।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित