विशाखापत्तनम , नवंबर 14 -- उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने देश में बुनियादी ढांचे के विकास, गरीबी उन्मूलन और व्यापार अनुकूल व्यवस्था जैसे क्षेत्रों में तेजी से हो रही प्रगति का उल्लेख करते हुए शुक्रवार को यहां कहा कि ''यह भारत में निवेश करने का सही समय है।''श्री राधाकृष्णन यहां उद्योग मंडल सीआईआई के 30वें दो दिवसीय साझेदारी शिखर सम्मेलन का उद्घाटन कर रहे थे। विश्व की चौथी सबसे बड़ी और सबसे तेज अर्थव्यवस्था के रूप में भारत की वर्तमान स्थिति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस समय देश में कारोबार करने की सुगमता अपने सर्वोत्तम स्तर पर है, क्योंकि हर क्षेत्र में सुधार हो रहे हैं, चाहे वह श्रम कानून हों, कर सुधार हों, इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हो या डिजिटल इंडिया जैसी डिजिटल पहल हो। उन्होंने कहा कि भारत में निवेश करने का यह सही समय है।
उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि भारत में अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है और यह स्वच्छ प्रौद्योगिकी का एक प्रमुख निर्यातक बनने की ओर अग्रसर है, जो पर्यावरणीय रूप से सतत विकास के प्रति देश की प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि करता है।
उपराष्ट्रपति ने भविष्य के विकास के लिए प्रौद्योगिकी, विश्वास और व्यापार को प्रेरक शक्ति बताया और कहा कि भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम और स्वच्छ प्रौद्योगिकी निर्यात वैश्विक अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करने के लिए तैयार है। उन्होंने पिछले एक दशक में देश में करोड़ों लोगों को गरीबी से उबारने में कामयाबी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार सराहना की और इसे एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया।
श्री राधाकृष्णन ने कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन में कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि को गति देने वाले सुधार वैश्विक निवेशकों को अभूतपूर्व अवसर उपलब्ध कराने वाले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आंध्र प्रदेश औद्योगिक विकास के लिए एक राष्ट्रीय मॉडल के रूप में उभर रहा है।
कार्यक्रम में देश विदेश से उद्योग व्यापार , नीति निर्माण और प्रशासनिक क्षेत्र के करीब 2,500 से अधिक प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने मोदी सरकार के कार्यकाल में देश के त्वरित औद्योगिक और आर्थिक विकास पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 'यह भारत में निवेश का सही समय है।'श्री राधाकृष्णन ने कहा कि करोड़ों लोगों को गरीबी से ऊपर उठाना मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है। यह सम्पत्ति सृजन में सहायक और अवसर पैदा करने वाली स्वस्थ आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करके संभव हुई है।
उन्होंने कहा कि इस समय देश में कारोबार का वातावरण सबसे अनुकूल है। उन्होंने इसमें मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली आंध्र प्रदेश सरकार के योगदान की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि नवाचार, इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और व्यापार-अनुकूल इको-सिस्टम को बढ़ावा देने में मुख्यमंत्री के प्रयासों ने आंध्र प्रदेश को औद्योगिक विकास के लिए एक राष्ट्रीय मॉडल के रूप में स्थापित किया है।
श्री राधाकृष्णन ने न्यायसंगत और समावेशी वैश्विक सहयोग के प्रति भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए इस बात पर बल दिया कि भारत सभी देशों के साथ उनके आकार की परवाह किए बिना समान व्यवहार करता है। उन्होंने आंध्र प्रदेश को एक लाख करोड़ डालर सालाना की अर्थव्यवस्था बनाने के राज्य सरकार के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की प्राप्ति की क्षमता के प्रति विश्वास व्यक्त किया।
उपराष्ट्रपति ने आशा व्यक्त की कि शिखर सम्मेलन समावेशी विकास को बढ़ावा देने और भारत को एक वैश्विक आर्थिक अग्रणी के रूप में स्थापित करने के लिए प्रौद्योगिकी, विश्वास और व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में काम करेगा।
उन्होंने कहा कि विशाखापत्तनम निवेश के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में विकसित होगा और आंध्र प्रदेश क्वांटम प्रौद्योगिकी और हरित हाइड्रोजन का एक हब भी बनेगा।
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