कोच्चि , अक्टूबर 18 -- समुद्री उत्पाद निर्यात संवर्धन प्राधिकरण ( एमपीईडीए) के अध्यक्ष डी.वी. स्वामी ने भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (सीईटीए) को देश के समुद्री निर्यात क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताते हुए कहा है कि इससे उत्पन्न अवसरों का लाभ उठाने के लिए रणनीतियाँ अपनाना आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि यह समझौता मूल्यवर्धन और कौशल संवर्धन का समझौता है। श्री स्वामी ने पिछले दो दिन में चेन्नई और विशाखापत्तनम में समुद्री क्षेत्र के लिए इस समझौते के लाभों और अवसरों पर एमपीईडीए द्वारा आयोजित हितधारक जागरूकता बैठकों में इस मुद्दे पर चर्चा की। इन बैठकों में एमपीईडीए के संयुक्त निदेशक श्री अनिल कुमार पी. ने सीईटीए की मुख्य विशेषताओं और समुद्री उत्पाद निर्यात क्षेत्र के लिए अवसरों पर प्रस्तुति दी।

एमपीईडीए की शनिवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार चेन्नई में आयोजित एक बैठक में, एमपीईजेड-एसईजेड विकास आयुक्त एलेक्स पॉल मेनन ने तमिलनाडु में मरीन एक्वापार्क एसईजेड विकसित करने की संभावनाओं पर चर्चा की। हितधारकों ने भारत के समुद्री उत्पाद निर्यात क्षेत्र के अवसरों पर अपने विचार साझा किए। बैठकों में बताया गया कि इस समझौते के अनुसार, भारत के 99 प्रतिशत उत्पादों को ब्रिटेन के बाजार में शून्य-शुल्क पर प्रवेश मिलेगा जिससे वहां के बाजार में भारतीय समुद्री खाद्य पदार्थों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी।

एपमीईडीए प्रमुख निर्यात वस्तुएँ, जैसे वन्नामेई श्रिंप, प्रशीतित स्क्विड, लॉबस्टर, प्रशीतित पॉमफ्रेट और ब्लैक टाइगर श्रिंप के निर्यात को लाभ होने की उम्मीद है।भारत ने 2024-25 में 7.45 अरब डॉलर मूल्य के समुद्री खाद्य उत्पादों का निर्यात किया, जिनमें श्रिंप, मछली और कटलफिश शीर्ष श्रेणियों में शामिल थे। 2024-25 में ब्रिटेन को एक अरब डालर से अधिक मूल्य के 16,082 टन समुद्री उत्पाद भेजे गये थे। भारत से फ्रोजेन समुद्री खाद्य की ब्रिटेन में बड़ी मांग है।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित