नयी दिल्ली , नवंबर 7 -- भारत और न्यूजीलैंड के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए वार्ताओं का चौथा दौर शुक्रवार को न्यूजीलैंड में समाप्त हुआ जिसमें दोनों पक्षों की ओर से मंत्रिस्तरीय भागीदारी हुई।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, "हम भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच बढ़ते रणनीतिक और आर्थिक सहयोग के अनुरूप, एक संतुलित, व्यापक और पारस्परिक रूप से लाभकारी समझौते के शीघ्र समापन की दिशा में काम करने के लिए तत्पर हैं।"चाैथे दौर की यह बातचीत तीन सितंबर को ऑकलैंड में शुरू हुई थी। इसी सिलसिले में अधिकारियों के दल के साथ श्री पीयूष गोयल भी न्यूजीलैंड के दौरे पर थे। इस दौरान भारत के वाणिज्य एवं उद्योग जगत का एक शिष्टमंडल भी वहां गया हुआ था। श्री गोयल ने चौथे दौर की समाप्ति पर कहा कि वार्ताओं का यह दौर दोनों देशों की ओर से एक दूसरे के सामान को अपने बाजारों में मुक्त प्रवेश देने, सेवा व्यापार के उदारीकरण, आर्थिक और तकनीकी सहयोग और निवेश के अवसरों पर केंद्रित था।
श्री गोयल ने इस दौरे में न्यूजीलैंड के व्यापार मंत्री डॅड कैक्ले और अन्य अधिकारियों के अलावा एयर न्यूजीलैंड के सीईओ निखिल रविशंकर और वहां के उद्योग व्यापार जगत के शीर्ष प्रतिनिधियों के साथ साथ प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन से भी मुलकात की।
श्री गोयल ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा, " मेरे मित्र और समकक्ष, टॉड मैक्ले के साथ बैठक के साथ न्यूजीलैंड की मेरी उपयोगी यात्रा समाप्त हुई। भारत-न्यूजीलैंड एफटीए वार्ता का चौथा दौर वस्तु बाजार में प्रवेश, सेवाओं, आर्थिक और तकनीकी सहयोग और निवेश के अवसरों पर केंद्रित था।"श्री गोयल ने कहा कि उन्होंने इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के व्यापार जगत की प्रमुख हस्तियों के साथ बैठकें कीं और कई कार्यक्रमों में भाग लिया। ये बैठकें और कार्यक्रम दोनों देशों के बीच मज़बूत जन-जन और सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाते हैं।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय का कहना है दोनों देश एक एक संतुलित, व्यापक और पारस्परिक रूप से लाभकारी साझेदारी को आगे बढ़ाने की दिशा में बढ़ने के लिए प्रयासरत हैं और एफटीए वार्ता उसी का हिस्सा है।
इसी वर्ष मार्च में भारत यात्रा पर आये न्यूज़ीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त रूप से इसका मार्गदर्शन किया है। श्री गोयल और श्री मैक्ले ने गत 16 मार्च को नयी दिल्ली में एक बैठक के दौरान द्विपक्षीय एफटीए के लिए वार्ता का शुभारंभ किया था। दोनों पक्षों का लक्ष्य एफटीए के माध्यम से वस्तुओं और सेवाओं के परस्पर आयात-निर्यात की व्यवस्था को खुला बनाना है। इसमें उत्पादों के उद्गम संबंधी नियमों पर बातचीत की जा रही है। दोनों पक्ष पिछले दौरों के दौरान हुई प्रगति से और आगे बढ़ाने, लंबित मुद्दों पर सहमति बनाने और एफटीए के शीघ्र समापन की दिशा में आगे बढ़ने के लिए रचनात्मक रूप से काम कर रहे हैं।
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