नयी दिल्ली , नवम्बर 03 -- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को यहां उभरते विज्ञान, प्रौद्योगिकी तथा नवाचार सम्मेलन का उद्घाटन किया और एक लाख करोड़ रुपये की अनुसंधान, विकास तथा नवाचार योजना की शुरूआत की जिसका उद्देश्य भारत को अत्याधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दुनिया में अग्रणी देशों में शामिल करना है।

वैश्विक नवाचार महाशक्ति बनने की दिशा में भारत के सफर में एक महत्वपूर्ण अध्याय माने जाने वाले इस सम्मेलन में श्री मोदी ने नोबेल पुरस्कार विजेताओं, प्रख्यात वैज्ञानिकों सहित शिक्षा जगत, उद्योग, सरकार और अनुसंधान संस्थानों के तीन हजार से अधिक प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए एक ऐतिहासिक है।

प्रधानमंत्री ने विशेषज्ञों से मानवता की सबसे गंभीर चुनौतियों से नवाचार के माध्यम से निपटने में सहयोग करने का आह्वान किया। श्री मोदी ने देश की हाल की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए देश के सबसे भारी संचार उपग्रह के सफल प्रक्षेपण की सराहना की और महिला विश्व कप भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ऐतिहासिक जीत पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा," हमारे युवा एथलीट और वैज्ञानिक हमारे देश के लिए गौरव के असाधारण अध्याय लिख रहे हैं।"प्रधानमंत्री ने प्रमुख सरकारी पहलों पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन, कौशल भारत मिशन और राष्ट्रीय करियर सेवा मंच का उल्लेख किया और कहा कि ये लाखों युवाओं को कौशल और अवसरों से सशक्त बना रहे हैं।

उन्होंने कहा, " पहली बार अत्यधिक-जोखिम, उच्च-प्रभाव वाली परियोजनाओं के लिए पूंजी उपलब्ध कराई जा रही है।" उन्होंने महत्वाकांक्षी अनुसंधान और नवाचार योजना में निजी क्षेत्र की भूमिका को बढाये जाने पर ज़ोर दिया।

श्री मोदी ने विज्ञान, गणित और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी का उल्लेख किया और कहा कि महिलाओं द्वारा वार्षिक पेटेंट दाखिल करने की संख्या एक दशक पहले 100 से भी कम थी जो आज बढ़कर पांच हजार से अधिक हो गई है। उन्होंने कहा, " भारतीय महिला वैज्ञानिकों को वैश्विक मान्यता मिल रही है जो हमारी प्रगति का प्रमाण है।"नैतिक और समावेशी नवाचार पर ज़ोर देते हुए प्रधानमंत्री ने भारत एआई मिशन के बारे में भी विस्तार से बात की जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए मानव-केंद्रित शासन ढांचा विकसित करने के लिए दस हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश शामिल है। उन्होंने घोषणा की कि भारत इन प्रयासों में तेज़ी लाने के लिए फरवरी 2026 में वैश्विक एआई शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।

इस सम्मेलन में उन्नत सामग्री, जैव-विनिर्माण, समुद्री अर्थव्यवस्था, डिजिटल संचार, क्वांटम विज्ञान और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण विषयों को शामिल किया गया है जिससे वैज्ञानिकों, नवप्रवर्तकों, नीति निर्माताओं और उद्योग जगत के नेताओं के बीच सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।

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