जयपुर , अक्टूबर 11 -- राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा है कि जो राष्ट्र नई तकनीक और नवाचारों में अग्रणी बनते हैं वही दुनिया में नेतृत्व करते हैं और भारत को तकनीक का उपभोक्ता नहीं बल्कि निर्माता बनाया जाना चाहिए।

श्री शर्मा ने शनिवार को यहां मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनआईटी) के 19वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एमएनआईटी ने नवाचार, उद्यमिता और वैश्विक स्तर के अनुसंधान के माध्यम से राजस्थान का नाम ऊंचा किया है और यह अब ज्ञान, नवाचार और राष्ट्रसेवा का प्रतीक बन चुका है। यह युवाओं की जिम्मेदारी है कि वे इस विरासत को आगे बढ़ाएं और भारत को केवल तकनीक का उपभोक्ता ही नहीं, बल्कि निर्माता भी बनाएं।

उन्होंने कहा कि हमें अपनी कर्मशीलता को प्रयोगशालाओं, स्टार्टअप्स, उद्योगों और कक्षाओं तक लेकर जाना है। भविष्य सेमीकंडक्टर, क्वांटम कंप्यूटर, नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियां और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का है। वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकीविद, रणनीतिकार और नवप्रवर्तक भविष्य के नायक होंगे। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी वह कुंजी है जो समृद्धि, सुरक्षा और सम्मान के द्वार खोलती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएनआईटी का एनआईआरएफ की रैंकिंग में उत्तर भारत के शीर्ष एनआईटी के रूप में स्थान प्राप्त करना हम सभी के लिए गौरव की बात है। इस संस्थान की अनुसंधान यात्रा में 249 परामर्श परियोजनाएं, 13 करोड़ से अधिक की राशि के साथ एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना की दक्षिण पश्चिम कमान, रैडॉक्स इंजीनियरिंग और परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत न्यूक्लियर फ्यूल कॉम्प्लेक्स के साथ एमओयू इस संस्थान के लिए नए आयाम स्थापित करेगा।

श्री शर्मा ने कहा कि एमएनआईटी से इस वर्ष 150 से अधिक विद्यार्थी डॉक्टरेट उपाधि प्राप्त कर रहे हैं तथा 30 से अधिक दिव्यांग विद्यार्थी स्नातक हुए हैं। इस वर्ष 77 अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों का भी संस्थान में प्रवेश हुआ है। उन्होंने कहा कि देश के सभी एनआईटी में सबसे अधिक छात्रा-छात्र अनुपात प्राप्त कर यह संस्थान नारी सशक्तीकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करता है। नई शिक्षा नीति को यहां के पाठ्यक्रम में लागू कर विद्यार्थियों को नीति के अनुरूप प्रशिक्षण मिल रहा है। उन्होंने कहा कि संस्थान ने प्रौद्योगिकी के साथ कदम से कदम मिलाते हुए डिग्रियों को राष्ट्रीय शैक्षणिक डिपॉजिटरी के डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म पर भी अपलोड करना प्रारंभ किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारा देश विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उपलब्धि अर्जित कर चुका है और अब तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की तरफ अग्रसर है। अगले दो दशकों में भारत दुनिया की शीर्ष आर्थिक ताकतों में शुमार होगा। उन्होंने कहा कि हमारे युवा, हमारा कौशल और हमारी तकनीकी क्षमता अभूतपूर्व होगी और इस परिवर्तन के केंद्र में युवा शक्ति और एमएनआईटी जैसे संस्थान होंगे।

*युवाओं को स्टार्टअप पॉलिसी ने नवाचार और उद्यमिता के नए अवसर किए प्रदान*श्री शर्मा ने कहा कि सरकार की स्टार्टअप पॉलिसी ने राज्य के युवाओं को नवाचार और उद्यमिता के नए अवसर प्रदान किए हैं। एवीजीसी-एक्सआर पॉलिसी लागू की गई है। स्कूली छात्रों में उद्यमिता और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए आई-स्टार्ट कार्यक्रम का विस्तार किया है। इसके तहत 66 आईस्टार्ट लॉन्चपैड नेस्ट स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान स्टार्टअप कार्यक्रम के तहत वर्ष 2024-25 में 2 हजार 28 स्टार्टअप्स पंजीकृत हुए तथा 300 स्टार्टअप्स को आई-स्टार्ट फंड से लगभग 11 करोड़ रुपये की फंडिग प्रदान की गई। लर्न, अर्न एण्ड प्रोग्रेस प्रोग्राम (लीप) कार्यक्रम के तहत स्टार्टअप को पुनर्जीवित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बारहवीं कक्षा के तुरंत बाद राज्य के युवाओं के लिए कौशल उन्नयन और रोजगार के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से अर्ली कैरियर प्रोग्राम (टेकबी) शुरू किया है। रिप्स 2024 के तहत, आईटी, आईटीईएस प्रोजेक्ट्स को एसेट-क्रिएशन इंसेंटिव के लिए 3 विकल्प दिए जा रहे है, जिनमें 7 वर्षों तक 75 प्रतिशत एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति, 20 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी व 1.4 प्रतिशत टर्नओवर-लिंक्ड इंसेंटिव शामिल हैं। इनमें से किसी एक का लाभ लिया जा सकता है।

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