ईटानगर, सितंबर 25 -- अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (अवकाशप्राप्त) केटी परनायक ने कहा है कि भारत की विदेश नीति गुटनिरपेक्षता से हटकर विभिन्न पक्षों के साथ मिलकर चलने की ओर विकसित हो रही है। अब गठबंधन बाहरी प्रभावों के बजाय राष्ट्रीय हितों के आधार पर बनाए जा रहे हैं।

श्री केटी परनायक नयी दिल्ली में आयोजित भारत रक्षा सम्मेलन के तीसरे संस्करण के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में उक्त बात बोल रहे थे। उन्होंने 'उभरती प्रौद्योगिकियां, बदलती भू-राजनीति और भविष्य के युद्ध के लिए नई रणनीतियां' विषय पर मुख्य भाषण दिया।

राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्र अपने हितों और सुरक्षा के खयाल को ध्यान में रखते हुए संधियों और गठबंधनों में तेजी से प्रवेश कर रहे हैं और साथ ही साथ रक्षा क्षमताओं को बढ़ाकर प्रतिरोध पैदा कर रहे हैं और संघर्षों को रोक रहे हैं।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विवाद समाधान के शांतिपूर्ण तंत्र के बावजूद युद्ध होते रहेंगे, जो अक्सर वैचारिक मतभेदों, संसाधनों के लिए प्रतिस्पर्धा या सत्ता की चाहत से प्रेरित होते हैं।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विघटनकारी तकनीकों में तेजी से हो रही प्रगति युद्ध की प्रकृति को गहराई से बदल रही है। राज्यपाल परनायक ने आर्थिक पुनरुत्थान, आत्मनिर्भरता, रक्षा सुधारों और नवाचार पर आधारित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित दृष्टिकोण को दोहराते हुए स्वदेशी पहलों के माध्यम से सैन्य आत्मनिर्भरता को मजबूत करने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने क्रांतिकारी और तकनीकों पर चल रहे सैन्य सुधारों पर भी बात की।

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