तिरुवनंतपुरम , अक्टूबर 26 -- भारत के विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम के तहत केरल पहली नवंबर को देश का पहला 'अत्यधिक गरीबीमुक्त राज्य' बन जाएगा। केरल के स्थापना दिवस के अवसर पर एक नवंबर को मुख्यमंत्री पी. विजयन तिरुवनंतपुरम के सेंट्रल स्टेडियम में इसकी अनौपचारिक घोषणा करेंगे।

राज्य सरकार ने सभी के लिए एक समान कल्याणकारी मॉडल से अलग 64,006 वंचित परिवारों की पहचान की और प्रत्येक परिवार की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उनके अनुकूल योजनाएं तैयार कीं। मुख्यमंत्री एक नवंबर को इसकी घोषणा करेंगे।

इस पहल ने 1,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ उन हजारों लोगों के लिए भोजन, आवास, स्वास्थ्य सेवा, आजीविका और सम्मान सुनिश्चित किया है जो लंबे समय से हाशिए का जीवन जी रहे थे।

इस कार्यक्रम के तहत अब 20,648 परिवारों की भोजन तक पहुंच सुनिश्चित हो गई है, जिनमें से 2,210 लोगों को प्रतिदिन ताजा पका हुआ भोजन मिल रहा है। स्वास्थ्य क्षेत्र में 85,721 लोग चिकित्सा सुविधाएं और दवाइयां प्राप्त कर रहे हैं।

सरकार ने 5,400 से अधिक नए घरों का निर्माण या निर्माण कार्य शुरू कर दिया है, 5,522 घरों की मरम्मत की है और 2,713 भूमिहीन परिवारों को जमीन वितरित की है।

इसके अतिरिक्त 21,263 लोगों को राशन कार्ड, आधार और पेंशन जैसे जरूरी दस्तावेज जारी किए गए हैं, जबकि 4,394 परिवारों को स्थायी आजीविका परियोजनाओं के लिए सहायता मिली है।

स्थानीय स्वशासन, कुदुम्बश्री और कई विभागों के समन्वित प्रयासों से कार्यान्वित यह मिशन केरल के सामाजिक न्याय, समानता और समावेशी विकास के मॉडल को दर्शाता है। अधिकारियों ने कहा कि यह पहल 'नव केरलम्' के दृष्टिकोण को मूर्त रूप देती है। एक नया और ऐसा केरल जो करुणा, सम्मान और इस सिद्धांत पर आधारित है कि कोई भी पीछे न छूटे।

स्थानीय स्वशासन मंत्री एमबी राजेश ने कहा कि केरल चीन के नक्शेकदम पर चलते हुए अत्यधिक गरीबी उन्मूलन करने वाला पहला भारतीय राज्य बनकर इतिहास रचने के कगार पर है।

उन्होंने कहा, "जिस तरह चीन ने खुद को अत्यधिक गरीबी से मुक्त घोषित किया है, उसी तरह केरल भी भारत में ऐसा ही करने के लिए तैयार है। यह 'नव केरलम्' (नया केरल) बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।"श्री राजेश ने कहा कि अत्यधिक गरीबी श्रेणी में पहचाने गए 93 प्रतिशत परिवारों को निरंतर कल्याणकारी उपायों के माध्यम से पहले ही इस स्थिति से बाहर निकाला जा चुका है, जबकि शेष परिवारों को अनुकूलित योजनाओं के माध्यम से सहायता प्रदान की जा रही है। राज्य के लोगों के हितों या कल्याण के अलावा केरल ने जलवायु परिवर्तन और वैज्ञानिक अपशिष्ट प्रबंधन सहित उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए नवीन रणनीतियां विकसित की हैं।

मंत्री ने केरल के कल्याण-संचालित शासन मॉडल पर बात करते हुए डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम, हाशिए पर पड़े समूहों के लिए शहरी रोजगार गारंटी योजना, रोजगार सुरक्षा कोष, अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों में 100 अतिरिक्त दिनों के गारंटीकृत रोजगार का प्रावधान और राज्यभर में 4.61 लाख परिवारों के लिए आवास जैसी प्रमुख पहलों का उल्लेख किया।

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