नयी दिल्ली , नवम्बर 10 -- भारत और वियतनाम ने साइबर सुरक्षा, वास्तविक समय में सूचनाओं तथा विशेषज्ञों के आदान-प्रदान और सैन्य चिकित्सा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार करने तथा उसे और अधिक प्रगाढ बनाने पर सहमति व्यक्त की है। रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को एक वक्तव्य जारी कर बताया कि भारत-वियतनाम रक्षा नीति वार्ता का 15वां संस्करण हनोई में हुआ। इसकी सह-अध्यक्षता रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और वियतनाम के राष्ट्रीय रक्षा उप मंत्री सीनियर लेफ्टिनेंट जनरल होआंग जुआन चिएन ने की। दोनों पक्षों ने हाइड्रोग्राफी सहयोग, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण, संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना अभियान, बंदरगाहों पर जहाजों के आने-जाने में बढ़ोतरी जैसे विशेष क्षेत्रों में प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा, वास्तविक समय पर सूचना आदान-प्रदान, सैन्य चिकित्सा और विशेषज्ञों के आदान-प्रदान जैसे महत्वपूर्ण उभरते क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार करने और उसे प्रगाढ करने का फैसला किया गया। उन्होंने क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।

उनके बीच पनडुब्बी खोज, बचाव सहायता और सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

दोनों पक्षों ने रक्षा उद्योग सहयोग को मजबूत करने के लिए एक आशय पत्र पर भी हस्ताक्षर किए जिससे कि प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को बढ़ावा , उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्रों को प्राथमिकता देने के साथ साथ अनुसंधान में संयुक्त सहयोग, संयुक्त उद्यम, रक्षा उत्पादन के लिए उपकरण और सामग्री की खरीद के साथ विशेषज्ञों, डिजाइन और उपकरणों के उत्पादन का आदान-प्रदान किया जा सके।

भारत के रक्षा उत्पादन विभाग और वियतनाम के रक्षा उद्योग के सामान्य विभाग के बीच रक्षा उद्योग सहयोग पर चल रहे कार्यान्वयन व्यवस्था के तहत दोनों पक्षों ने आगामी दिसंबर में बैठक आयोजित करने का फैसला किया।

बाद में रक्षा सचिव ने वियतनाम के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री जनरल फान वान जियांग से भी मुलाकात की और उन्हें 15वीं बैठक के मुख्य निष्कषों के बारे में जानकारी दी। सोहलवीं बैठक अगले वर्ष भारत में होगी।

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