बेंगलुरु , नवंबर 06 -- केंद्रीय संसदीय कार्य, कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने गुरुवार को कहा कि भारत अब अपनी रक्षा आवश्यकताओं का 90 प्रतिशत घरेलू उत्पादन से पूरा करने वाला देश बन गया है।
श्री जोशी ने इंडिया मेनुफेक्चरिंग शो (आईएमएस) 2025 के सातवें संस्करण को संबोधित करते हुए कहा, "पहले हमारी रक्षा खरीद का 70 प्रतिशत आयात किया जाता था। आज 90 प्रतिशत भारतीय उद्योगों से आता है। 15,000 से अधिक वस्तुएँ जो कभी आयात की जाती थीं, अब घरेलू उत्पादन के लिए आरक्षित हैं। यह केवल आर्थिक प्रगति नहीं है, बल्कि भारत की संप्रभुता का दावा है।यह आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय शक्ति की ओर देश की यात्रा में एक निर्णायक मील का पत्थर है।"उन्होंने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई), स्टार्टअप्स तथा नवाचार करने वालों को भारत के रक्षा और औद्योगिक विकास में प्रमुख भागीदार बताया।उन्होंने कहा, "पहले उद्योगों को संदेह की दृष्टि से देखा जाता था, मानो विकास और कल्याण विपरीत हों। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, व्यापार, एमएसएमई और उद्योग को समर्थन देने का अर्थ है गरीबों को सशक्त बनाना और राष्ट्र को मजबूत बनाना।"श्री जोशी ने भारत के अतीत को याद करते हुए कहा, "मेरे पिता 1984 में एक बोरी सीमेंट के लिए पूरा दिन लाइन में खड़े रहते थे। वह अभावों से भरा भारत था। आज हमारा इसरो कार की सवारी से भी कम प्रति किलोमीटर की लागत पर उपग्रहों का प्रक्षेपण कर सकता है। यही नया भारत है।" उन्होंने सरकारी सुधारों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विकास को गति देने के लिए 'विश्वास-आधारित शासन' और एकीकृत मंत्रालयों का होना जरूरी है। उन्होंने भारत की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का 2014 में 2.8 गीगावाट से बढ़कर 128 गीगावाट होना, दुनिया के लगभग 30 फीसदी फोन का स्वदेशी उत्पादन होना भारत के उदय का परिणाम है।
उन्होंने कहा, "भारत का भाग्य अब उसके कारखानों, उसके उद्यमियों और उसके आत्मविश्वास पर टिका है। यह आत्मनिर्भर भारत का युग है। अब भारत अपने और दुनिया के लिए निर्माण करता है।"केंद्रीय एमएसएमई राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने इस क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि एमएसएमई 30 करोड़ लोगों को रोजगार देते हैं, सकल घरेलू उत्पाद में 30 प्रतिशत, विनिर्माण उत्पादन में 45 प्रतिशत और निर्यात में 40 प्रतिशत का योगदान करते हैं।
सुश्री करनदलाजे ने इसरो, डीआरडीओ, एचएएल, बीईएल और बीएचईएल सहित सार्वजनिक उपक्रमों से एमएसएमई को अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं में एकीकृत करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि उद्यम पोर्टल पर सात करोड़ से ज़्यादा एमएसएमई पंजीकृत हैं, जबकि प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) ने 1 करोड़ रोज़गार सृजित किए हैं और 90 प्रतिशत सब्सिडी सूक्ष्म और लघु इकाइयों को मिला है है।
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