सिडनी , अक्टूबर 10 -- भारत और ऑस्ट्रेलिया ने रक्षा उद्योग, साइबर सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा और क्षेत्रीय रणनीतिक सहयोग को मज़बूत करने के लिए गुरुवार को कई समझौतों पर हस्ताक्षर किये।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री एवं उप प्रधानमंत्री रिचर्ड मार्लेस की उपस्थिति में दोनों देशों के बीच यह सहमति बनी। श्री सिंह ने कैनबरा के संसद भवन में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़, श्री मार्लेस और दोनों पक्षों के वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों के साथ एक बैठक भी की।
श्री सिंह ने बताया कि इस बैठक में दोनों देशों ने आपसी रक्षा सहयोग के संपूर्ण आयाम की समीक्षा की, और व्यापक रणनीतिक साझेदारी के महत्व की पुष्टि की। उन्होंने सीमा पार आतंकवाद का मुकाबला करने और साझा क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने में ऑस्ट्रेलिया के निरंतर समर्थन के लिए धन्यवाद देते हुए कहा, "हम एक स्वतंत्र, खुले और लचीले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए मिलकर सहयोग को और बढ़ायेंगे।"श्री मार्लेस ने कहा, "आज का दिन हमारे देशों के बीच गहरे विश्वास और रणनीतिक तालमेल में निहित है। यह अब हमारे दोनों के रक्षा बलों के बीच और भी गहरे परिचालन स्तर के जुड़ाव में बदल रहा है। हमारे ऑपरेशनल कमांड के बीच स्टाफ वार्ता के संबंध में हमने जो समझौता किया है, वह बेहद महत्वपूर्ण है।"एक्स पर एक पोस्ट में, श्री सिंह ने लिखा, "श्री मार्लेस के साथ उपयोगी बैठक हुई। हमने रक्षा उद्योग, साइबर रक्षा, समुद्री सुरक्षा और क्षेत्रीय चुनौतियों सहित भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा सहयोग के पूरे दायरे की समीक्षा की। हमने अपनी व्यापक रणनीतिक साझेदारी के महत्व की फिर से पुष्टि की।"उन्होंने लिखा, "मैंने भारत के रक्षा उद्योग के तेज़ी से विकास और वैश्विक स्तर पर उच्च-गुणवत्ता वाली रक्षा तकनीक के एक विश्वसनीय स्रोत के रूप में भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा पर प्रकाश डाला। हमने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच गहरी रक्षा उद्योग साझेदारी की संभावनाओं पर चर्चा की। मैं सीमा पार आतंकवाद और साझा क्षेत्रीय स्थिरता पर ऑस्ट्रेलिया के दृढ़ समर्थन के लिए उसका आभार व्यक्त करता हूं। हम साथ मिलकर एक स्वतंत्र, खुले और लचीले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए सहयोग को और गहरा करेंगे।"इससे पहले कैनबरा हवाई अड्डे पर पहुंचने पर, श्री सिंह का ऑस्ट्रेलिया के सहायक रक्षा मंत्री पीटर खलील और संयुक्त अभियानों के प्रमुख वाइस एडमिरल जस्टिन जोन्स ने गर्मजोशी से स्वागत किया। उनके सम्मान में एक पारंपरिक 'वेलकम टू कंट्री' स्मोक समारोह भी आयोजित किया गया। यह एक प्रतीकात्मक आदिवासी ऑस्ट्रेलियाई परंपरा है और यह भूमि के पारंपरिक संरक्षकों के सम्मान, मित्रता और मेल-मिलाप का प्रतीक है।
दोनों नेताओं ने भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा सहयोग में तेज़ी से हो रही वृद्धि की सराहना की और वार्ता को उत्पादक, दूरदर्शी और रणनीतिक समन्वय के विस्तार पर केंद्रित बताया।
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