भीलवाड़ा , नवम्बर 12 -- राजस्थान में भीलवाड़ा जिले में बेमौसम बारिश ने अफीम किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार भीलवाड़ा जिले के हजारों किसान अफीम की फसल को लेकर इस बार भारी नुकसान झेल रहे हैं। खेत तैयार होने और बुवाई पूरी करने के बाद हुई लगातार बारिश से न केवल फसल खराब हुई, बल्कि कई किसानों को दोबारा बुवाई करनी पड़ी है।
अफीम किसान संघर्ष समिति राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष बद्रीलाल तेली ने बुधवार को बताया कि इस वर्ष केंद्र सरकार ने अफीम नीति समय से पूर्व जारी कर दी थी, जिससे किसानों ने समय पर खेत तैयार करके बुवाई शुरू कर दी। भीलवाड़ा जिले में करीब छह हजार किसान लाइसेंस प्राप्त अफीम उत्पादक हैं, जबकि सीपीएस श्रेणी में करीब 900 किसान आते हैं, लेकिन नवम्बर की शुरुआत में हुई बेमौसम बारिश ने अधिकतर किसानों की फसलें चौपट कर दीं। कई इलाकों में खेतों में पानी भर गया, जिससे बीज सड़ गये और फसल उग नहीं पायी। जिन किसानों ने पहले ही बुवाई कर दी थी, उन्हें अब फिर से बीज डालने पड़े हैं। मांडलगढ़, बिजौलिया और जहाजपुर इलाकों में कई किसान अभी भी खेतों में मौजूद नमी की वजह से बुवाई शुरू नहीं कर पा रहे हैं। कोटड़ी क्षेत्र में जिन्होंने समय पर फसल बोई थी, उनकी पौध भी पीलिया और जड़ गलन रोग की चपेट में आ गयी है।
किसानों का कहना है कि यह वर्ष अफीम उत्पादन के लिहाज से बेहद कठिन साबित हो रहा है। दो बार बुवाई करने से बीज, श्रम और लागत तीनों का खर्च बढ़ गया है। किसानों ने सरकार से मांग की है कि अफीम किसानों को विशेष राहत पैकेज दिया जाये और नुकसान का सर्वे करके उचित मुआवजा सुनिश्चित किया जाये।
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यदि आने वाले दिनों में मौसम अनुकूल नहीं रहा, तो अफीम उत्पादन में इस वर्ष भारी गिरावट देखने को मिल सकती है, जिससे राज्य और केंद्र दोनों के राजस्व पर असर पड़ना तय है।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित