बेंगलुरु , नवंबर 17 -- र्नाटक में नम्मा मेट्रो को बेंगलुरु-तुमकुरु विस्तार के लिए हरी झंडी मिल गई है जो पहली बार अंतर-जिला मेट्रो कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
इस बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद तेजस्वी सूर्या ने इस योजना का कड़ा विरोध किया है और इसे 'मुख्य रूप से रियल एस्टेट हितों को लाभ पहुंचाने वाली योजना' करार दिया है।
बसवनगुडी मूंगफली मेले का उद्घाटन करने के बाद श्री सूर्या ने कहा,"मेट्रो का उद्देश्य शहरी यातायात को आसान बनाना है, न कि अंतर-जिला यात्रा। तुमकुरु का विकास आरआरटीएस या उपनगरीय रेल के माध्यम से किया जा सकता है, जो अधिक लागत प्रभावी हैं। मेट्रो डिज़ाइन में बैठने की जगह की तुलना में खड़े होने की जगह को प्राथमिकता दी गई है, जो लंबी दूरी की यात्रा के लिए आदर्श नहीं है।"उन्होंने सरकार से क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) या उपनगरीय रेल जैसे कम लागत वाले विकल्पों पर विचार करने का आग्रह किया है। यह 59.6 किलोमीटर लंबा ग्रीन लाइन कॉरिडोर नेलमंगला, दबास्पेट और क्यातसांद्रा से होकर गुजरेगा। बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीएमआरसीएल) ने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं जिसके 21 नवंबर को खुलने की उम्मीद है।
इसके जवाब में कर्नाटक के मंत्री रामलिंगारेड्डी ने मेट्रो विस्तार का बचाव करते हुए कहा,"मेट्रो विस्तार का ध्यान बेंगलुरु शहर पर होना चाहिए, न कि रियल एस्टेट लाभ पर। शहर में मेट्रो कॉरिडोर का विस्तार किया जाना चाहिए ताकि यातायात कम हो और यात्रियों के लिए पर्याप्त बैठने की जगह उपलब्ध हो। उन्नत मेट्रो तकनीक अब हर पांच मिनट में ट्रेनों की आवाजाही की सुविधा देती है।"सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के तहत प्रस्तावित इस विस्तार पर पहले चरण में 20,649 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इस परियोजना का प्रस्ताव मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने 2024-25 के कर्नाटक बजट में रखा था। बीएमआरसीएल भूमिगत स्टेशनों को कम करके लागत कम करने के लिए रेड लाइन (सरजापुर-हेब्बल कॉरिडोर) में संशोधन कर रहा है जिससे लगभग 3,000 करोड़ रुपये की बचत हो सकती है। रेड लाइन की शुरुआती अनुमानित लागत 28,405 करोड़ रुपये थी, जिससे यह बेंगलुरु की सबसे महंगी मेट्रो परियोजना बन गई।
अधिकारियों ने कहा कि इन कदमों का उद्देश्य परियोजना लागत का कुशलतापूर्वक प्रबंधन करते हुए कनेक्टिविटी में सुधार करना और बेंगलुरु के शहरी परिवहन नेटवर्क को मजबूत करना है।
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