फगवाड़ा , नवंबर 05 -- दिवंगत पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री बूटा सिंह के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, कपूरथला ने मंगलवार को पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीपीसीसी) के अध्यक्ष और सांसद अमरिंदर सिंह उर्फ राजा वडिंग के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।

दिवंगत नेता के पुत्र और पूर्व मंत्री जोगिंदर सिंह मान और भतीजे सरबजोत सिंह सिद्धू ने शिकायत दर्ज करायी थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि तरनतारन में उपचुनाव प्रचार के दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए, कांग्रेस नेता ने उनके दिवंगत पिता की जाति और शारीरिक बनावट का हवाला देते हुए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था। शिकायतकर्ता ने कहा कि आरोपी ने कथित तौर पर कहा था कि बूटा सिंह को केंद्रीय गृह मंत्री "सिर्फ़ इसलिए बनाया गया, क्योंकि वह एक अश्वेत मज़हबी सिख थे और भैंसों के चारे के काम में लगे थे।" सिद्धू ने तर्क दिया कि यह बयान सामाजिक रूप से अपमानजनक था और इसका उद्देश्य न केवल उनके पिता की विरासत को, बल्कि पूरे मज़हबी सिख समुदाय को अपमानित करना था। प्राथमिकी के अनुसार, ये टिप्पणियां कथित तौर पर सार्वजनिक रूप से की गयीं और अनुसूचित जाति समुदाय के सदस्यों में गहरी नाराज़गी पैदा की। शिकायत में कहा गया है कि इस तरह की भाषा जाति-आधारित भेदभाव को मज़बूत करती है और समानता, सम्मान के संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन करती है।

श्री सिद्धू ने दावा किया कि ये शब्द शर्मसार करने, जातिगत अपमान और नफ़रत को बढ़ावा देने वाले थे। उन्होंने दावा किया कि इस बयान के पीछे का उद्देश्य एक हाशिए पर पड़े समुदाय के प्रति अनादर पैदा करना था। मामला कपूरथला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिन्होंने उप-जिला अटॉर्नी से कानूनी समीक्षा की मांग की। तीन नवंबर को दी गयी कानूनी राय में, अभियोजन पक्ष ने सलाह दी कि कानून के संबंधित प्रावधानों के तहत प्रथम दृष्टया अपराध बनता है। इस सिफारिश पर कार्रवाई करते हुए, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने साइबर अपराध पुलिस को मामला दर्ज करने का निर्देश दिया। निर्देश के बाद, चार नवंबर को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 353 और धारा 196 के साथ-साथ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धारा 3(1)(यू) और 3(1)(वी) के तहत औपचारिक रूप से प्राथमिकी दर्ज की गयी। मामले को जांच के लिए सौंप दिया गया है, और अधिकारियों ने पुष्टि की है कि आरोपों को सत्यापित करने और कथित भाषण से संबंधित वीडियो रिकॉर्डिंग, गवाहों के बयान और मीडिया रिपोर्ट सहित सबूत इकट्ठा करने के लिए आगे की जांच चल रही है।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शिकायतकर्ता को प्राथमिकी की एक निःशुल्क प्रति उपलब्ध करा दी गयी है और मामला दर्ज होने के तुरंत बाद संबंधित पर्यवेक्षण अधिकारियों और नियंत्रण कक्ष को सूचित कर दिया गया था। आरोपों के संबंध में आरोपी या उसके प्रतिनिधियों की ओर से अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया गया है। जांच में यह देखा जाएगा कि क्या बयान कथित तरीके से दिया गया था, भाषण का संदर्भ क्या था, और क्या एफआईआर में उल्लिखित कानूनी प्रावधान लागू होते हैं। अधिकारियों ने संकेत दिया है कि जांच के निष्कर्षों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

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