जालंधर, सितंबर 25 -- सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के फ्रंटियर मुख्यालय, जालंधर में गुरूवार को बल स्तरीय वार्षिक मेडिकल सेमिनार एवं सीएमई (सतत् चिकित्सा शिक्षा)- 2025 का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य चुनौतीपूर्ण फील्ड परिस्थितियों एवं विभिन्न मुख्यालयों में सेवारत बीएसएफ चिकित्सकों की व्यावसायिक दक्षता को बढ़ाना तथा बल कर्मियों में स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता को सुदृढ़ करना था।

बीएसएफ के प्रवक्ता ने यहां जारी विज्ञप्ति में बताया कि औपचारिक संगोष्ठी प्रारम्भ होने से पूर्व डॉ. उमेश तिवारी, आईजी/निदेशक (मेडिकल), बीएसएफ, नई दिल्ली ने पंजाब सीमा पर विभिन्न बॉर्डर पोस्ट का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने जवानों से संवाद कर उनके स्वास्थ्य एवं कुशलक्षेम की जानकारी ली और कठिन सीमाई परिस्थितियों में शारीरिक एवं मानसिक फिटनेस हेतु उपयोगी स्वास्थ्य सुझाव दिए।

संगोष्ठी में डॉ. अतुल फुलझेले, आईपीएस, आईजी बीएसएफ पंजाब ने निदेशक (मेडिकल) व विशिष्ट चिकित्सकों की टीम का हार्दिक स्वागत किया। संगोष्ठी के दौरान प्रख्यात विशेषज्ञों द्वारा कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, डिप्रेशन, गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजी, डायबिटीज़, मोटापा एवं आपात प्रबंधन जैसे विषयों पर व्याख्यान प्रस्तुत किए गए। यह मंच बीएसएफ चिकित्सकों के लिए नवीनतम चिकित्सीय प्रगति एवं प्रबंधन तकनीकों से परिचित होकर उन्हें व्यवहार में लागू करने का महत्वपूर्ण अवसर सिद्ध हुआ।

निदेशक (मेडिकल) ने पंजाब में बाढ़ के दौरान सीमा क्षेत्र के प्रभावित नागरिकों एवं उनके पशुधन को आवश्यक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने में बीएसएफ चिकित्सा दलों द्वारा किए गए निष्ठापूर्ण कार्य की सराहना की। कार्यक्रम का समापन बीएसएफ मेडिकल समूह के सीमा पर तैनात जवानों के स्वास्थ्य और युद्ध क्षमता में अहम भूमिका में योगदान की प्रशंसा के साथ हुआ।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित