, Oct. 4 -- श्री चौहान ने कृषि सलाहकारों की सराहना करते हुए कहा कि यदि सलाहकार न हों तो अनुसंधान प्रयोगशालाओं की उपलब्धियां जमीन तक नहीं पहुँच पाएंगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने कृषि सलाहकारों की जरूरत और मूल्य दोनों को पहचाना है और उनके सम्मान एवं हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
केन्द्रीय मंत्री श्री चौहान ने बिहार में दलहन और मक्का उत्पादन की संभावनाओं पर विशेष बल दिया और कहा कि "दलहन मिशन के माध्यम से देश को दालों में भी आत्मनिर्भर बनाया जाएगा और इसमें कृषि सलाहकारों की अहम भूमिका होगी।" उन्होंने हाल ही में मंत्रिमंडल द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि का भी उल्लेख किया।
श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 'प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना' के अंतर्गत उत्पादकता में कमी वाले जिलों को विशेष फोकस में रखा गया है, जिसमें बिहार के भी कई जिले शामिल हैं। इस योजना के तहत 11 विभाग मिलकर सामूहिक रूप से कार्य करेंगे।
श्री चौहान ने प्रधानमंत्री मोदी की नीति 'राष्ट्रहित सर्वोपरि' का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत अपने किसानों के हितों के साथ कोई समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि भारत आज स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र के रूप में अपनी शर्तों पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बिहार के किसानों की उपलब्धियों को सराहते हुए कहा कि राज्य कई फसलों में अग्रणी है और आने वाले समय में कृषि ही भारत की समृद्धि का सबसे बड़ा आधार बनेगी।
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