नयी दिल्ली , अक्टूबर 04 -- सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने टोल प्लाजा पर टोल टैक्स भुगतान में बदलाव करते हुए बगैर फास्टैग वाले वाहनों के लिए नकद भुगतान में शुल्क दोगुना कर दिया है लेकिन यूपीआई से भुगतान करने पर सवा गुना शुल्क लेने का फैसला किया है।
सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है। राष्ट्रीय राजमार्गों पर फास्टैग भुगतान के लिए जारी नये नियम 15 नवंबर से प्रभावी होंगे।
मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने के लिए नया उपयोगकर्ता शुल्क संग्रह नियम लागू किया है। मंत्रालय के अनुसार डिजिटल भुगतान प्रोत्साहन के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों पर गैर-फास्टैग उपयोगकर्ताओं के वास्ते शुल्क प्लाज़ा पर नकद लेनदेन को समाप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इसके तहत सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों का निर्धारण और संग्रह) नियम, 2008 में संशोधन किया है। नये नियम के तहत, बिना वैध फास्टैग के शुल्क प्लाज़ा में प्रवेश करने वाले वाहनों से नकद शुल्क भुगतान की स्थिति में दोगुना टोल प्लाजा लिया जाएगा लेकिन गैर वैध फास्टैग उपयोगकर्ता यदि एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस-यूपीआई के माध्यम से शुल्क का भुगतान करता हैं उसे शुल्क दर का सवा गुना शुल्क भुगतान करना होगा।
राष्ट्रीय राजमार्ग उपयोगकर्ताओं के लिए टोल प्लाजा के नये नियम के तहत यदि किसी वाहन को वैध फास्टैग के माध्यम से 100 का उपयोगकर्ता शुल्क देना होता है तो बगैर वैध फास्टैग की स्थिति में उसे दोगुना यानी 200 रुपए का भुगतान करना पड़ेगा लेकिन यदि उपयोगकर्ता यूपीआई के माध्यम से भुगतान करता है तो उसे सौ रुपए की जगह 125 का भुगतान करना होगा। इस संशोधन का उद्देश्य शुल्क संग्रह प्रक्रिया को सुदृढ़ बनाना, टोल संग्रह में पारदर्शिता बढ़ाना और राष्ट्रीय राजमार्ग उपयोगकर्ताओं के लिए आवागमन को सुगम बनाना है।
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