लखनऊ , नवंबर 22 -- उत्तर प्रदेश में प्रयागराज उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने नोटिस रिसीव होने के बावजूद मुख्य स्थायी अधिवक्ता कार्यालय से संपर्क कर अपना जवाब न दाखिल करने पर कड़ा रुख अपनाते हुए बिजनौर जिले की जिलाधिकारी जसजीत कौर के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है।
अदालत की ओर से आदेश की प्रति आज दी गयी है। अदालत ने बिजनौर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को आदेश दिया है कि वारंट का तामीला कराकर अगली सुनवायी पर जिलाधिकारी की उपस्थिति सुनिश्चित कराई जाए। न्यायमूर्ति मनीष कुमार की एकल पीठ ने यह आदेश विक्रम सिंह द्वारा दाखिल अवमानना याचिका पर दिया है।
याचिका में कहा गया उच्च न्यायालय ने 22 अप्रैल 2025 को बिजनौर की जिला स्तरीय समिति को आदेश दिया था कि याची की जाति निर्धारित करने की मांग वाली अर्जी पर तीन माह में निर्णय लिया जाए। आरोप लगाया कि आदेश की प्रति जिलाधिकारी को दे दी गयी थी, क्योंकि वही उक्त समिति के चेयरमैन होते हैं। तीन माह बीत जाने के बाद भी आज तक उसकी अर्जी पर नियमानुसार कोई निर्णय नहीं लिया गया है। ऐसे में आग्रह किया गया कि इस तरह से अदालत के आदेश की अवमानना करने पर जिलाधिकारी को दंडित किया जाए।
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