कोलकाता , अक्टूबर 30 -- पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सह कुलाधिपति सीवी आनंद बोस ने कलकत्ता विश्वविद्यालय और जादवपुर विश्वविद्यालय सहित छह स्थायी कुलपतियों की नियुक्तियों को मंजूरी दे दी है।
राज्यपाल कार्यालय के आधिकारिक एक्स हैंडल पर एक पोस्ट के माध्यम से यह घोषणा की गई। इसके बाद राज्य उच्च शिक्षा विभाग ने राज्यपाल की औपचारिक स्वीकृति वाली फाइलें प्राप्त करने के बाद चयनित शिक्षाविदों को नियुक्ति पत्र जारी किए।
यह नियुक्ति कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से प्रभावी होगी और चार वर्षों तक या पदधारी के सत्तर वर्ष की आयु प्राप्त करने तक, जो भी पहले हो, वैध रहेगी।
प्रोफेसर आशुतोष घोष को कलकत्ता विश्वविद्यालय (सीयू) का कुलपति नियुक्त किया गया जो लगभग तीन वर्षों से बिना किसी स्थायी प्रमुख के कार्यरत था। घोष इससे पहले एक वर्ष (जुलाई 2016-जुलाई 2017) तक सीयू के अंतरिम कुलपति के रूप में कार्यरत थे।
जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू), जो 2023 के मध्य से बिना किसी स्थायी प्रमुख के है और लगभग सात महीनों से अंतरिम कुलपति भी नहीं हैं, में प्रो. चिरंजीब भट्टाचार्य को शीर्ष पद पर नियुक्त किया गया है। भट्टाचार्य वर्तमान में पश्चिम बंगाल उच्चतर माध्यमिक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष हैं।
अन्य कुलपति नियुक्तियों में विश्व बांग्ला विश्वविद्यालय के लिए अबू तालेब खान, साधु रामचंद मुर्मू विश्वविद्यालय, झारग्राम के लिए चंद्रदीप घोष, गौर बंगा विश्वविद्यालय के लिए आशीष भट्टाचार्य और काजी नज़रूल विश्वविद्यालय के लिए उदय बंद्योपाध्याय शामिल हैं।
राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने एक्स पर पोस्ट किया,"आज छह राज्य-सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों को ऐसे कुलपति मिले जो मुख्यमंत्री की पहली पसंद थे। उन सभी को मेरी हार्दिक बधाई और शुभकामनाए।"ये नियुक्तियाँ शीर्ष न्यायालय के छह अक्टूबर के फैसले के बाद हुई हैं, जिसमें न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा था कि इन छह विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों में 'कोई बाधा' नहीं है।
यह फैसला कुलपति नियुक्तियों की प्रक्रिया को लेकर बंगाल सरकार और राज्यपाल के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद पर व्यापक सुनवाई के बाद आया है।
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