लखनऊ , अक्टूबर 05 -- उत्तरप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि बच्चों में प्रारंभिक अवस्था से ही वैज्ञानिक जिज्ञासा और अनुसंधान की प्रवृत्ति विकसित करना आवश्यक है।

उन्होंने कहा ''इस प्रकार की प्रयोगात्मक शिक्षा से विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण, रचनात्मकता और आत्मविश्वास का विकास होगा।''राज्यपाल की अध्यक्षता में रविवार को राजभवन, लखनऊ में एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता राजभवन उत्तर प्रदेश और व्योमिका फाउंडेशन के बीच संपन्न हुआ। जिसके तहत राजभवन परिसर स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में लगभग 12.5 लाख रुपये की लागत से ''स्पेस साइंस एंड इनोवेशन लैब'' स्थापित की जाएगी। इस लैब की स्थापना एचडीएफसी बैंक के कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी फंड से की जा रही है।

यह पहल व्योमिका फाउंडेशन द्वारा इसरो के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर, अहमदाबाद के सहयोग से संचालित की जा रही है। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों में अंतरिक्ष विज्ञान, रोबोटिक्स, ड्रोन तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, खगोल विज्ञान और सैटेलाइट टेक्नोलॉजी के प्रति रुचि और नवाचार की भावना विकसित करना है। लैब में विद्यार्थी सैटेलाइट मॉडल, रोवर, ड्रोन और स्पेस मिशन सिमुलेशन जैसे अभिनव प्रोजेक्ट्स पर काम करेंगे।

इस मौके पर राज्यपाल ने एचडीएफसी बैंक की सराहना करते हुए कहा कि निजी क्षेत्र की ऐसी पहलें शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन ला रही हैं और समाज के वंचित वर्ग के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

उन्होंने बताया कि राजभवन में निर्माणाधीन आदर्श विद्यालय तथा इस नवस्थापित लैब का उद्घाटन आगामी 26 जनवरी 2026 को किया जाएगा। साथ ही विद्यालय परिसर में एक सुंदर गार्डन विकसित करने के निर्देश भी दिए गए।

राज्यपाल ने कहा कि आने वाला समय स्पेस टेक्नोलॉजी का युग है, और भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए बच्चों को इस दिशा में शिक्षित और प्रशिक्षित करना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि वे स्वयं इस परियोजना की प्रत्येक गतिविधि की निगरानी कर रही हैं ताकि कार्य समय से और गुणवत्तापूर्वक पूरा हो सके।

उन्होंने कहा कि ''इन छोटे बच्चों में अपार आशा और अद्भुत कौशल छिपा है, और उनकी इस आशा तथा प्रतिभा को दिशा देना ही हमारा कर्तव्य है।'' उन्होंने बताया कि राजभवन विद्यालय से आठवीं पास कर चुके विद्यार्थियों के लिए भी एचडीएफसी बैंक के सहयोग से स्मार्ट क्लासेज स्थापित की जा रही हैं तथा उन्हें बैंड ट्रेनिंग और कंप्यूटर क्लासेज जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं।

राज्यपाल ने कहा कि बच्चों की फीस राजभवन द्वारा वहन की जा रही है और सभी विद्यार्थी मनोयोगपूर्वक अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा, ''हमारा काम आपको अवसर और सुविधाएं देना है, लेकिन पढ़ना और आगे बढ़ना आपकी जिम्मेदारी है।''उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे बच्चों की शिक्षा पर ध्यान दें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी बच्चा पढ़ाई से वंचित न रहे। राज्यपाल ने कहा कि यदि किसी बच्चे की अनुपस्थिति लगातार बनी रहती है, ''तो मैं स्वयं उसके घर जाकर पूछूँगी कि वह विद्यालय क्यों नहीं जा रहा है।''इस दौरान राज्यपाल ने निर्देश दिया कि विद्यालय में प्रतिदिन महात्मा गांधी जी की आत्मकथा का एक अध्याय पढ़ाया जाए और उस पर चर्चा की जाए, ताकि बच्चों में नैतिकता और चरित्र निर्माण की भावना विकसित हो।

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