प्रयागराज, दिसंबर 02 -- उत्तर प्रदेश के संगम नगरी प्रयागराज में सोमवार देर शाम एक उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र यानी एनसीडीसी में 32 वें राष्ट्रीय शिल्प मेले का रंगारंग आगाज हो गया।
मुख्य अतिथि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने डायरेक्टर सुदेश शर्मा व कार्यक्रम सलाहकार कल्पना सहाय के साथ मेले का शुभारंभ किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि जस्टिस जे जे मुनीर ने कहा कि पिछले चार दशकों से एनसीजेडसीसी लोक कलाओं की धरोहर को संरक्षित करने का काम कर रहा है। इसके साथ ही स्वदेशी हस्त निर्मित शिल्प के जरिए लोगों को आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने और राष्ट्र गौरव की भावना को मजबूत कर रहा है।
यह मेला प्रयागराज का महत्वपूर्ण अंग बन चुका है। मेले के उद्घाटन के बाद मुक्त काशी मंच पर सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विपिन मिश्रा के शंख वादन से हुआ। इसके बाद जानी-मानी लोग गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने अपने सुरों से समा बांध दिया। उन्होंने मां गंगा को नमन करते हुए जब "मोरे राम जोगनी बनूंगी" की सुरीली आवाज में गीत पेश किया तो श्रोता झूम उठे।
मालिनी अवस्थी ने "रेलिया बैरन पिया को लिए जाए रे, मोरे अंगना भवानी आई हो रामा हो रामा और केसरिया बालम पधारो म्हारे देश जैसे गीतों से समा बांध दिया। देर रात तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता रहा।
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