शिमला, नवंबर 10 -- हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने आज ठियोग उपमंडल के अंतर्गत राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, देहा (बलसन) के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने विद्यालय प्रांगण में स्थानीय लोगों, विद्यार्थियों तथा शिक्षकों को संबोधित किया।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुदृढ़ करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षण वातावरण उपलब्ध करवाने हेतु आधुनिक सुविधाओं से युक्त विद्यालय भवनों का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को शिक्षित एवं सक्षम बनाना सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है, ताकि वह राज्य के विकास में अपना योगदान दे सकें।
उन्होंने बताया कि विद्यालय भवन का निर्माण कार्य लगभग 2 करोड़ 87 लाख रुपये की लागत से पूर्ण किया गया है, जिससे क्षेत्र के विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएं प्राप्त होंगी।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बेहतर बुनियादी ढांचे और खेल सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए कई सुधारात्मक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने बताया कि एनएएस सर्वेक्षण में हिमाचल प्रदेश 21वें स्थान से उठकर 5वें स्थान पर पहुंच गया है, जो राज्य सरकार की प्रभावी नीतियों और शिक्षकों के समर्पित प्रयासों का परिणाम है। इसी प्रकार, असर रिपोर्ट में प्रदेश प्रथम स्थान पर तथा परख रिपोर्ट में द्वितीय स्थान पर रहा है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1947 में प्रदेश की साक्षरता दर मात्र 7 प्रतिशत थी, जो अब गोवा के साथ 99.30 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। उन्होंने बताया कि सरकार ने प्रथम कक्षा से ही अंग्रेज़ी विषय को आरंभ करने का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त, स्कूल एडॉप्शन योजना शुरू की गई है ताकि विद्यालयों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जा सके। हिमाचल प्रदेश सरकार ने बाल शिक्षा के अधिकार नियमों में संशोधन करते हुए नो डिटेंशन पॉलिसी को समाप्त कर दिया है।
7 हजार शिक्षकों की हुई नियुक्तिशिक्षा मंत्री ने बताया कि शिक्षा विभाग में अब तक विभिन्न श्रेणियों के लगभग 7 हजार नियमित शिक्षकों की नियुक्ति की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त, 9 हजार से अधिक पदों को भरने की प्रक्रिया प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि इन नियुक्तियों से दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी को दूर किया गया है। साथ ही, राज्य सरकार ने एसएमसी के तहत कार्यरत शिक्षकों को एलडीआर के माध्यम से नियमित करने का निर्णय लिया है।
शिक्षा का बजट 10 हजार करोड़ रुपयेरोहित ठाकुर ने कहा कि इस वित्त वर्ष में शिक्षा क्षेत्र के लिए लगभग 10 हजार करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जो राज्य के कुल बजट का लगभग 18 प्रतिशत है। उन्होंने स्पष्ट किया कि शिक्षा क्षेत्र के बजट में किसी प्रकार की कटौती नहीं की गई है, बल्कि इसे और बढ़ाया गया है। उन्होंने बताया कि पिछले 3 से 4 महीनों में चौपाल विधानसभा क्षेत्र में 3 करोड़ रुपये से अधिक की राशि स्कूल भवनों के लिए स्वीकृत की गई है, जिससे क्षेत्र के शिक्षा विभाग को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
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