रोहतक , अक्टूबर 03 -- केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'खादी अपनाओ, स्वदेशी अपनाओ' के व्यापक अभियान से देश एक बार फिर आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
श्री शाह ने हरियाणा के रोहतक में आयोजित खादी कारीगर महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने आज़ादी के समय देश को स्वरोजगार, ग्रामीण उद्योग और आत्मनिर्भरता, सामाजिक दृष्टि से समानता और स्वावलंबन के लक्ष्यों को सिद्ध करने का मौका दिया था और राजनीतिक दृष्टि से देश के स्वतंत्रता आंदोलन को गति दी थी। महात्मा गांधी की विरासत को आगे बढ़ाने का काम करते हुए प्रधानमंत्री मोदी के 'खादी अपनाओ, स्वदेशी अपनाओ' के व्यापक अभियान से देश आज एक बार फिर आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ रहा है।
श्री शाह ने कहा कि महात्मा गांधी ने आज़ादी के आंदोलन के वक्त देश की गरीबी को दूर करने, देश को आत्मनिर्भर बनाने, स्वदेशी का विचार देने और स्वतंत्रता दिलाने के लिए खादी का उपयोग किया था और इससे देश के लाखों बुनकरों के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन आया था। उन्होंने कहा कि आज़ादी के बाद की सरकारों ने खादी पर ध्यान नहीं दिया और इसके विकास के लिए कुछ नहीं किया गया।
गृह मंत्री ने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान श्री मोदी ने खादी पुनर्जीवित करने का संकल्प लिया था। प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने देश की जनता को खादी के उपयोग के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014-15 में खादी ग्रामोद्योग का टर्नओवर 33 हज़ार करोड़ रूपए था जो आज बढ़कर 1 लाख 70 हज़ार करोड़ रूपए हो गया है। इससे बुनकरों और देश की बहनों को रोजगार मिलता है। श्री शाह ने कहा कि आज खादी की पैकेजिंग और मार्केटिंग की बहुत अच्छी व्यवस्था के साथ ही लोगों को इसके उपयोग के लिए प्रेरित भी किया है।
उन्होंने कहा कि आज विद्युत-चालित चाक, परंपरागत चरखे, सिलाई मशीन और लेदर रिपेयरिंग टूलकिट जैसे 12 संसाधन कारीगरों को प्रदान करने के साथ 301 करोड़ रूपए की मार्जिन मनी का वितरण भी हुआ है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही आज वर्धा में ऑर्गेनिक कॉटन केंद्रीय पूनी संयंत्र का उद्घाटन, आधुनिक 40 आउटलेट्स का शुभारंभ और देशभर में आठ हज़ार नई प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम की इकाईयों का भी उद्घाटन हुआ है।
श्री शाह ने कहा कि आज़ादी के समय स्वराज की कल्पना स्वदेशी और स्वभाषा के बिना अधूरी थी। प्रधानमंत्री ने हाल ही में देश की जनता से स्वदेशी चीज़ों का ही उपयोग करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि देशभर के कई व्यापारियों ने अपनी दुकान में विदेशी चीज़ें न रखने का संकल्प लिया है। आत्मनिर्भर भारत की कल्पना के लिए स्वदेशी का यह नारा भारत के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले सभी देशवासियों के लिए बहुत लाभकारी सिद्ध होगा।
श्री शाह ने कहा कि 2047 में विकसित भारत में स्वदेशी और खादी के अभियान की बहुत बड़ी भूमिका रहेगी। उन्होंने सभी नागरिकों से देश की आत्मनिर्भरता के लिए हर परिवार से पांच हज़ार रूपए की खादी वस्तुएं प्रति वर्ष खरीदने की अपील की।
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