सहारनपुर, सितंबर 26 -- सहारनपुर मंडल उत्तर प्रदेश का सबसे ज्यादा चीनी मिलों वाला और गन्ने की खेती में पहले स्थान पर होने के कारण उद्योग और कारोबार के मामले में बेहद महत्वपूर्ण स्थान रखता है। चीनी मिलों का पेराई सत्र अगले माह शुरू होने वाला है लेकिन पूरे मंडल में गन्ने की फसल पककर तैयार हो गई है और विशेषज्ञों के अनुसार गन्ने में अच्छी मात्रा में मिठास भी आ गई है।
मझोले एवं छोटे उद्यमियों और कारोबारियों ने सहारनपुर जनपद में गन्ना बहुल इलाकों में अच्छी खासी संख्या में कोल्हू लगा लिए हैं जिन पर गुड़ और शक्कर बनने लगा है। इन कारोबारियों को इस समय बड़ा फायदा यह है कि एक तो बाजार में नए गुड़ और शक्कर की अच्छी खासी मांग है और यह त्यौहारी मौसम है। फिर ऊपर से गन्ना चीनी मिलों द्वारा खरीदे जाने वाले मूल्य 370 रूपए प्रति क्विंटल से 100 रूपए कम पर कोल्हू संचालकों को मिल रहा है।
कोल्हू संचालकों रामपाल सिंह, लाल सिंह, रमेश कुमार, सत्तार, जितेंद्र सिंह और मांगा ने आज बताया कि उन्हें 270 से लेकर 280 रूपए प्रति क्विंटल की दर से गन्ना आसानी से मिल रहा है और वह गन्ने का हाथों-हाथ भुगतान भी कर रहे हैं। जरूरतमंद गन्ना किसान पैसे की आवश्यकता और खेतों को जल्द खाली करने की जरूरत को देखते हुए उन्हें भरपूर गन्ने की आपूर्ति कर रहे हैं।
सहारनपुर मंडल के उप गन्ना आयुक्त ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि हर वर्ष ही करीब एक महीना पहले ही कोल्हू का व्यवसाय शुरू हो जाता है। यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश का कुटीर उद्योग है और हजारों श्रमिकों एवं छोटे व्यवसायियों और इससे बड़ा रोजगार और लाभ मिलता है। यह कारोबार चीनी मिलों के पेराई सत्र से करीब एक महीने पहले शुरू हो जाता है और एक महीने बाद तक चलता है।
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