पटना, नवंबर 09 -- बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण में पूर्णिया जिले में 11 नवंबर को होने वाले चुनाव में सभी सात सीटों पर रोमांचक मुकाबला होने की संभावना है।

पूर्णिया जिले में सात विधानसभा क्षेत्र बायसी, धमदाहा, कस्बा, बनमनखी(सुरक्षित), अमौर, रूपौली और पूर्णियां शामिल है। वर्ष 2020 के चुनाव में पूर्णिया और वनमंखी में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा),धमदाहा और रूपौली में जनता दल यूनाईटेड (जदयू), कसबा में कांग्रेस, बायसी में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और अमौर में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने कब्जा जमाया था।

धमदाहा विधानसभा क्षेत्र से जदयू की विधायक और खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेसी सिंह चुनावी समर में पांच बार जीत दर्ज कर चुकी है और छठी बार जीत का परचम लहराने के लिये बेतााब नजर आ रही है, वहीं राजद ने यहां पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है।वर्ष 2020 के चुनाव में जदयू उम्मीदवार लेसी सिंह ने राजद उम्मीदवार पूर्व विधायक दिलीप कुमार यादव को पराजित कर दिया था। वर्ष 1957 के चुनाव में इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री भोला पासवान शास्त्री ने जीत दर्ज की थी। धमदाहा सीट से 11 उम्मीदवार चुनावी अखाड़े में उतरे हैं।

बायसी विधानसभा सीट से राजद ने विधायक सैयद रुकनुद्दीन अहमद को बेटिकट कर दिया है। राजद ने यहां पूर्व विधायक अब्दुस सुभान को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने पूर्व विधायक विनोद यादव, जबकि एआईएमआईएम ने गुलाम सरकार को उम्मीदवार बनाया है।वर्ष 2020 में एआईएमआईएम प्रत्याशी सैयद रुकनुद्दीन अहमद ने भाजपा के विनोद कुमार को पराजित किया था। सैयद रुकनुद्दीन अहमद ने बाद में एआईएमआईएम का साथ छोड़ कर राजद का दामन थाम लिया था। पूर्व विधायक अब्दुस सुभान यहां सातवीं बार जीत का परचम लहराने के लिये बेताब हैं। इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं। इस क्षेत्र में सात प्रत्याशी चुनावी रणभूमि में डटे हुए हैं।

अमौर विधानसभा सीट से एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अख्तरूल इमान दूसरी बार जीत का परचम लहराने के लिये बेताब हैं। कांग्रेस ने यहां दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री अब्दुल जलील मस्तान को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर छह बार जीत का परचम लहरा चुके श्री मस्तान सातवीं बार जीत के इरादे से चुनावी अखाड़े में ताल ठोक रहे हैं। जदयू ने यहां पूर्व विधायक सफा जफर को प्रत्याशी बनाया है। श्री जफर इस सीट पर तीन बार चुनाव जीत चुके हैं ओर चुनावी चौका लगाने के लिये बेताब हैं। इस सीट पर नौ प्रत्याशी चुनावी संग्राम में जोर आजमा रहे हैं।

कस्बा विधानसभा सीट से कांग्रेस ने विधायक मोहम्मद अफाक आलम को बेटिकट कर दिया है। कांग्रेस ने यहां मोहम्मद इरफान आलम को उम्मीदवार बनाया हे। एआईएमआईएम ने यहां शाहनवाज आलम, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने नितेश कुमार सिंह को प्रत्याशी बनाया हे, वहीं कांग्रेस से बेटिकट होने के बाद मोहम्मद अफाक आलम बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी रण में कूद चुके हैं। वर्ष 2020 के चुनाव में कांग्रेस के मोहम्मद अफाक आलम ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) उम्मीदवार प्रदीप कुमार दास को हराया था। आफाक आलम ने यहां चार बार जीत दर्ज की है और वह पांचवी बार अपना दम दिखाने के लिये बेताब हैं। इस सीट से 13 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं।

बनमंखी(सुरक्षित) विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार कृष्ण कुमार ऋषि छठी बार जीत की आस में हैं। वह लगातार पांच चुनावों से यहां जीत दर्ज करते आ रहे हैं।कांग्रेस ने यहां पूर्व विधायक देव नारायण रजक को उम्मीदवार बनाया है। वर्ष 2020 में भाजपा उम्मीदवार कृष्ण कुमार ऋषि ने राजद उम्मीदवार उपेन्द्र शर्मा को पराजित किया था। वर्ष 1962 में पूर्व मुख्यमंत्री भोला पासवान शास्त्री ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। इस सीट से पांच उम्मीदवार चुनावी रण में डटे हैं।

रूपौली विधानसभा क्षेत्र से राजद ने पूर्व मंत्री बीमा भारती को उम्मीदवार बनाया है। जदयू ने यहां कलाधर मंडल को उम्मीदवार बनाया है। निर्दलीय विधायक शंकर सिंह एक बार चुनावी अखाड़े में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ही अपना जोर आजमा रहे हैं। वर्ष 2020 में जदयू उम्मीदवार बीमा भारती ने लोजपा उम्मीदवार और पूर्व विधायक शंकर को पराजित किया था। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पूर्व बीमा भारती ने रूपौली सीट से इस्तीफा देने के बाद जदयू का साथ छोड़ दिया और राजद में शामिल हो गयी।श्रीमती बीमा भारती ने पूर्णिया संसदीय सीट से चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

वर्ष 2024 में रिक्त हुयी रूपौली विधानसभा सीट पर हुये उप चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार पूर्व विधायक शंकर सिंह ने जीत दर्ज की। जदयू उम्मीदवार कलाधर मंडल दूसरे जबकि राजद उम्मीदवार बीमा भारती तीसरे नंबर पर रही। इस बार के चुनाव में भी इन तीनों राजनेताओं के बीच मुकाबला देखने को मिलेगा। राजद उम्मीदवार बीमा भारती इस सीट पर पांच बार जीत दर्ज कर चुकी हैं और छठी बार जीत की आस में हैं, वहीं शंकर सिंह यहां दो बार विधायक रहे हैं और तीसरी बार जीत की तलाश में हैं। इस सीट पर भी त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं। रूपौली सीट से 15 उम्मीदवार चुनावी अखाड़े में उतरे हैं।

पूर्णियां विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर विधायक विजय खेमका चुनावी हैट्रिक लगाने के लिये मैदान में उतरे हैं. कांग्रेस ने यहां विजेन्द्र यादव को प्रत्याशी बनाया है। श्री यादव की पत्नी विभा कुमारी पूर्णिया की महापौर है। वर्ष 2020 में भाजपा उम्मीदवार विजय खेमका ने कांग्रेस उम्मीदवार इंदु सिन्हा को पराजित किया था। इस सीट से छह बार लगातार दिग्गज कांग्रेस नेता कमल देव नारायण सिन्हा ने जीत दर्ज की है। दिग्गज मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता अजीत सरकार ने चार बार 1980, 1985, 1990 और 1995 में लगातार जीत का परचम लहराया। वर्ष 1998 में अजीत सरकार की हत्या के बाद इस सीट पर हुये उप चुनाव में उनकी पत्नी और माकपा उम्मीदवार माधवी सरकार ने जीत दर्ज की। राज किशोर केसरी ने इस सीट पर चार बार लगातार प्रतिनधित्व किया है। जनवरी 2011 में उनकी हत्या के बाद रिक्त हुयी इस सीट पर हुये उप चुनाव में उनकी पत्नी किरण देवी ने जीत हासिल की थी।इस सीट पर नौ उम्मीदवार चुनावी अखाड़े में जोर आजमा रहे हैं।

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