नयी दिल्ली , नवंबर 20 -- प्रधानमंत्री गतिशक्ति वृहद योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय योजना समूह (एनपीजी) की 102वीं बैठक में गुरुवार को रेलवे और राजमार्ग क्षेत्र की तीन प्रमुख परियोजनाओं का मूल्यांकन किया गया।

आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) में संयुक्त सचिव पंकज कुमार ( संयुक्त सचिव लॉजिस्टिक्स) की अध्यक्षता में हुई बैठक में रेल मंत्रालय की ओर बिहार और असम से जुड़ी दो परियोजनाओं और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की महाराष्ट्र से जुड़ी एक परियोजना का मुल्यांकन किया गया।

रेल मंत्रालय ने बिहार में पुनारख और किऊल स्टेशनों के बीच लगभग 49.57 किलोमीटर लंबी तीसरी और चौथी रेलवे लाइन के निर्माण का प्रस्ताव रखा है। प्रस्तावित खंड पटना और लखीसराय जिलों से होकर गुज़रेगा, जिससे राज्य के प्रमुख औद्योगिक एवं कृषि गलियारों में रेल अवसंरचना मज़बूत होगी। इससे विशेष रूप से पटना, फतुहा, बख्तियारपुर और मोकामा जैसे केंद्रों को लाभ होगा, जिससे यात्री एवं माल ढुलाई दोनों में मदद मिलेगी।

बैठक में असम में सिलघाट और देकारगांव के बीच एक नई रेलवे लाइन के निर्माण के प्रस्ताव का भी मूल्यांकन किया गया। यह 27.50 किलोमीटर की लाइन ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर स्थित स्टेशन को जोड़ेगी प्रस्तावित लाइन राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-15 और एनएच-715 के निकट स्थित है, जिससे रेल एवं सड़क परिवहन प्रणालियों के बीच मज़बूत तालमेल स्थापित हो सकेगा।

एनपीजी ने महाराष्ट्र में सोलापुर में राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच)-65 पर ओल्ड पुणे नाका से बोरमणि नाका तक खंभों पर लगभग 9.66 किलोमीटर लंबे सड़क मार्ग के निर्माण के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का मूल्यांकन किया।

पीएमगति शक्ति की अवधारणा के अंतर्गत परियोजनाओं का मूल्यांकन और निर्धारण पूरी सूचना और संबंधित विभागों के बीच समन्वय के साथ किया जाता है उसके बाद सरकार उन्हें वित्तीय स्वीकृति प्रदान करती है। इससे परियोजना कार्यान्वयन को गति मिलती है।

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