वाशिंगटन , अक्टूबर 11 -- अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प रविवार को पश्चिम एशिया की यात्रा करेंगे जहां वह गाजा युद्ध विराम समझौते के बाद क्षेत्रीय शांति निर्माता के रूप में अपनी कथित भूमिका को मजबूत करने की कोशिश करेंगे।

राष्ट्रपति ट्रम्प सोमवार सुबह इजरायल पहुंचेंगे जहां उनके नेसेट को संबोधित करने और उसी दिन वहां से रवाना होने की उम्मीद है। उनकी यह यात्रा युद्धविराम समझौते के अंतर्गत हमास द्वारा बंधकों की रिहाई की समय सीमा के साथ मेल खाती है। श्री ट्रम्प का मुक्त किये गये बंधकों से मिलने की भी संभावना है।

राष्ट्रपति ट्रम्प की यह यात्रा नोबेल शांति पुरस्कार समिति द्वारा पुरस्कार के लिए श्री ट्रम्प के सार्वजनिक अभियान को नजरअंदाज करने के कुछ ही दिनों बाद हो रही है। उल्लेखनीय है कि शांति का नोबल पुरस्कार दक्षिणपंथी वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को दिया जा रहा है।

इस सप्ताह, ट्रम्प प्रशासन ने अन्य मध्यस्थों के साथ मिलकर इजरायल और हमास के बीच युद्ध विराम समझौते को सफल बनाया जिससे दो वर्षों से चल रहे क्रूर संघर्ष का संभवतः अंत हो गया। व्हाइट हाउस ने नॉर्वेजियन नोबेल समिति के निर्णय की आलोचना करते हुए "शांति के बदले स्थान की राजनीति" को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया है।

इसके विपरीत, पश्चिम एशिया में श्री ट्रम्प की व्यापक प्रशंसा होने की संभावना है। इजरायल और हमास दोनों ही युद्धविराम कराने और गाज़ा में बंद इजराइली कैदियों की रिहाई में उनकी भूमिका की सराहना कर चुके हैं। व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपने कार्यक्रम के बारे में चर्चा की और समझौते के महत्व पर बल दिया, जिसमें बंधकों की रिहाई और लगभग 28 शवों की वापसी शामिल है।

राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि यह समझौता क्षेत्र में शांति की दिशा में एक व्यापक कदम है। इजरायल से अमेरिकी राष्ट्रपति गाजा समझौते पर आधिकारिक हस्ताक्षर समारोह में शामिल होने के लिए मिस्र जाएंगे। विशेषज्ञों के अनुसार, गाजा में स्थायी शांति स्थापित करने के लिए इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर लगातार दबाव डालना होगा कि वे बंधकों की रिहाई के बाद सैन्य अभियान फिर से शुरू न करें।

यह युद्ध अक्टूबर 2023 में शुरू हुआ था जब हमास ने इजरायल पर अचानक हमला कर दिया जिसमें 1,000 से ज़्यादा लोग मारे गए। इसके बाद, इजरायली सेना ने गाज़ा में एक लंबा सैन्य अभियान चलाया जिसके कारण हज़ारों फ़िलिस्तीनी मारे गए, व्यापक विनाश हुआ और अकाल सहित भयावह स्थितियां उत्पन्न हुईं।

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