नयी दिल्ली , नवंबर 13 -- राजधानी के भारत मंडपम में शुक्रवार से शुरू होने जा रहे 44वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से आयोजित किया जा रहा ' सरस आजीविका मेला' परंपरा, शिल्प , कला एवं संस्कृति से सराबोर होगा।

मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत ' थीम पर 14 नवंबर से 27 नवंबर तक आयोजित होने वाले इस उत्सव में 31 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों की 300 से अधिक महिला शिल्प कलाकार 150 से अधिक स्टॉलों पर अपनी-अपनी उत्कृष्ट कलाकृतियों को प्रदर्शित करेंगी।

मंत्रालय ने कहा है कि सरस आजीविका मेला के दौरान देश भर के हजारों उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री होगी। मंत्रालय ने देश के हस्तशिल्पियों और हस्तकारों को रोजगार शुरू करने का मौका देने के लिए यह मुहिम शुरू की है। मंत्रालय का उदेश्य केंद्र सरकार की ओर से शुरू किये गये आत्मनिर्भर भारत का संकल्प और 'वोकल फॉर लोकल' अभियान को बढ़ावा देना है। साथ ही प्रधानमंत्रीजी के ग्रामीण महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का सपना भी साकार करना है। सरस में इस बार लखपति दीदियों पर फोकस किया गया है। यही कारण है कि सरस को पांच जोन में लखपति दीदियों के राज्यों के हिसाब से बांटा गया है।

विज्ञप्ति में बताया गया है कि इस बार खरीदारों को झारखंड से ट्राइबल ज्वेलरी, हनी, मिक्स अचार, दाल, आम के अचार, फ्लोर, आर्गेनिक वेजीटेबल और मशाले, चावल, दाल, साबुन के साथ ही स्नैक्स में हाथ के बनाए हुए चॉकलेट चुनने का मौका होगा । वहीं, कर्नाटका से वुडेन खिलौने, पेपर, कॉफी पाउडर, कार्डामॉम क्लाउथ मेटेरियल, हनी,मिक्सड पीकल, जैगरी, पेंटिंग, वुडेन हेंडीक्राफ्ट. साथ ही केरला से कोकोनट ऑयल, कार्डामॉम,पेपर, मिस्लेनियस हेंडलुम आइटम, बनाना चिप्स, स्नैक्स, हेडमेड चॉकलेट, मशाले, क्ले डेकोरेटिव आइटम। लद्दाख से ड्राई फ्रूट्स, हेंड एमब्रोडरी वर्क, कार्पेट, लेदर पर्स और तेल भी स्टॉल पर दिखेंगे।

सरस आजीविका मेले में मध्य प्रदेश से मिस्लेनियस हेंडलुम आइटम, चंधेरी साड़ी, जैगरी, बैंबू प्रोडक्ट, दुपट्टा, गोंद, डेकोरेटिव सामान , महाराष्ट्र से एमब्रोडरी ड्रेस, वुडेन खिलौने, लेमन पिकल, मणीपुर से वाटर हायसिन्थ प्रोडक्ट, मिजोरम से कड़ी पाउडर, ब्लैक पेपड़, नागालैंड से बासकेट, सैंडल, ट्राइबल ज्वेलरी, ओडिशा से सबाई हेंडीक्राफ्ट, काश ग्रास, तासर साड़ी, पंजाब से जूट बैग, कुशा मैट्स, कुची हेंडीक्राफ्ट, वुलेन जैकट तथा पुडुचेरी से बीड्स ज्वेलरी तथा इमीटेशन ज्वेलरी लोगों का ध्यान आकर्षित करेंगी।

मेले में राजस्थान , तमिलनाडु , तेलंगाना , त्रिपुरा, उत्तराखंड , उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के दस्तकारी और विशिष्ट उत्पादों की भी व्यापक झांकी दिखेगी। इस मेले में अंडमान एंड निकोबार से बांस से बने सामान, अरुणाचल प्रदेश से पारंपरिक परिधानआसाम से असम के परिधान एवं बेंत के सामान , आंध्रप्रदेश के अचार तेल, साड़ी और सॉफ्ट खिलौने आदि , बिहार की मधुबनी पेंटिंग लाह की चूड़ियां , छत्तीसगढ़ के सूती सूट, मेटल आर्ट, ड्राई फ्रूट्स और स्नैक्स, पापड़, आम के अचार और हल्दी पाउडर वहीं, गुजरात से हेंडलूम आइटम और सिल्क की साड़ी, गोवा से कुची हेंडीक्राफ्ट्स , हरियाणा सूट, साड़ी, दुपट्टा, टेराकोटा , हिमाचल प्रदेश से हेंडलुम के सामान , हेंडबैग और जम्मु-कश्मीर से गोल्डन ग्रास जैसे विशिष्ट उत्पादों की नुमाइश भी की जाएगी ।

इसके साथ ही व्यंजनों वाले स्टाल पर बहुत से प्राकृतिक खाद्य पदार्थ भी जिनमें अदरक, चाय, दाल, कॉफी, पापड़, एपल जैम और अचार जैसे उत्पाद शामिल हैं ।

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