दरभंगा , अक्टूबर 13 -- बिहार के प्रतिष्ठित कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर देवनारायण झा ने पत्रकारिता में बदलाव को समय की जरूरत बताते हुए सोमवार को कहा कि पत्रकारिता के आयाम मे कितना भी बदलाव हो लेकिन उसकी मूल आत्मा के साथ कोई बदलाव नहीं होना चाहिए।

ख्यातिलब्ध पत्रकार स्व. राम गोविन्द प्रसाद गुप्ता की 90वीं जयंती के अवसर पर पत्रकारिता के बदलते आयाम विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रोफेसर झा ने कहा कि पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जो निरंतर बदलते समय के साथ अनुकूलन कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी की प्रगति और सोशल मीडिया के उदय ने पत्रकारिता के तरीके और उसके पहुंच को पूरी तरह से बदल दिया है। आज की पत्रकारिता में न केवल समाचार पत्र और टेलीविजन शामिल हैं, बल्कि ऑनलाइन मीडिया, ब्लॉगिंग और सोशल मीडिया भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।पत्रकारिता के बदलते आयाम न केवल नए अवसर ला रहे हैं, बल्कि कई चुनौतियां भी प्रस्तुत कर रहे हैं। इन चुनौतियों का सामना करते हुए, पत्रकारिता को अपने मूल सिद्धांतों - सटीकता, निष्पक्षता और स्वतंत्रता को बनाए रखना जरूरी होगा।

पूर्व कुलपति प्रोफेसर झा ने कहा कि पत्रकारिता के आयाम कितना भी बदले पर उसके आत्मा के साथ कोई बदलाव नहीं होना चाहिए। यह तभी सम्भव है जब आप निर्भीकता से काम करे। इस बदलते युग में भी प्रिंट मीडिया का अपना अलग महत्व है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ पत्रकारिता यदि दबाव में आजायेगा तो लोकतंत्र खतरे में पर जाएगा। इसलिए पत्रकारों को चाहिए कि राग द्वेष से ऊपर उठकर अपनी बातों को जो जनहित में हो रखे।

संगोष्ठी के मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार डॉ. हरिनारायण सिंह ने कहा कि पिछले कई सालों में हमारी सामाजिक व्यवस्था में बदलाव नजर आने लगे है और ये भी इलेक्ट्रॉनिक क्रांति का ही नतीजा है।

प्रो. सिंह ने पत्रकारिता के बदलते आयाम की चर्चा करते हुए कहा कि इंटरनेट और मोबाइल फोन की पहुंच ने समाचार को तुरंत और व्यापक रूप से प्रसारित करने की क्षमता प्रदान की है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने समाचार के प्रसार और उपभोग के तरीके को बदल दिया है, जिससे नागरिक पत्रकारिता को बढ़ावा मिला है। पत्रकारिता में अब वीडियो, ऑडियो और इंटरैक्टिव ग्राफिक्स जैसी मल्टीमीडिया सामग्री का अधिक उपयोग हो रहा है। डेटा विश्लेषण और विज़ुअलाइज़ेशन का उपयोग करके समाचारों को अधिक विस्तृत और समझने योग्य बनाने का प्रयास किया जा रहा है।वही ऑनलाइन मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से समाचार अब वैश्विक स्तर पर पहुंच रहे हैं। प्रौद्योगिकी के कारण समाचार तुरंत प्रकाशित और प्रसारित किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पूरा देश देश धीरे-धीरे उस अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का हिस्सा बनता जा रहा है जिसमे राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और व्यवसायिक रिश्तों की लेन-देन में मीडिया का इस्तेमाल होता है।

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