राजकोट , अक्टूबर 11 -- गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ग्राम पंचायतों को चुंगी निर्मूलन क्षतिपूर्ति (मुआवजे) के अतिरिक्त अनुदान के रूप में शनिवार को राजकोट से 576 करोड़ रुपए की राशि के भुगतान का प्रारंभ कराया।

राज्य में इस वर्ष के विकास सप्ताह के पाँचवें दिन आज श्री पटेल तथा महानुभावों की उपस्थिति में राजकोट में राज्य स्तरीय 'विकसित गाँव, विकसि गुजरात' कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में उन्होंने राज्य की ग्राम पंचायतों को चुंगी निर्मूलन क्षतिपूर्ति की अतिरिक्त अनुदान राशि के भुगतान का प्रतीक के रूप में शुभारंभ कराने के साथ ही 'स्वच्छता ही सेवा' अंतर्गत श्रेष्ठ कामकाज करने वाली पंचायतों सहित लगभग आठ सरकारी संस्थाओं का सम्मान एवं चार स्वयं-सहायता समूहों का अभिवादन भी किया।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को वेग देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में राज्य में चुंगी कर निर्मूलन किया था। चुंगी कर की आय के अभाव में गाँवों का विकास न रुके व विकास कार्य निरंतर चलते रहें, इसके लिए पिछले एक दशक में राज्य की ग्राम पंचायतों को चुंगी निर्मूलन क्षतिपूर्ति के रूप में 576 करोड़ रुपए से अधिक का अनुदान दिया गया है। इतना ही नहीं; गाँवों में सड़क, बिजली, पानी जैसे ढांचागत विकास के लिए उन्होंने वित्त आयोग के अनुदान में उत्तरोत्तर वृद्धि की है।

श्री पटेल ने कहा कि समरस पंचायतों को प्रोत्साहक अनुदान देने के प्रधानमंत्री के निर्णय से ग्राम पंचायतों के विकास को वेग मिला है और इस वर्ष तो राज्य में 761 ग्राम पंचायतें समरस हुई हैं। पंचायती राज शासन में युवाओं की भागीदारी बढ़ रही है और इस वर्ष 42 प्रतिशत सरपंच 21 से 40 वर्ष के हैं। पीएचडी कर चुके अनेक युवा भी सरपंच बनकर गाँव का नेतृत्व कर रहे हैं।

उन्होंने जोड़ा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सक्षम पंचायतों को सशक्त- समृद्ध गुजरात का आधार बनाया है तथा ग्रामीण विकास के समरस ग्राम, तीर्थग्राम, ई-ग्राम विश्वग्राम, ज्योतिग्राम, पावनग्राम जैसे अनेक सफल आयाम दिए हैं। उनके शासन में विकास कार्यों की सकारात्मक मानसिकता एवं कार्य संस्कृति के विषय में मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय महानगर पालिका में 10 हजार रुपए के कार्य की स्वीकृति में लंबा समय लगता था, परंतु आज एक करोड़ रुपए तक के कार्य तो पार्षद भी करा सकते हैं। ग्रामीण विकास तथा महिलाओं के सशक्तिकरण का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सखी मंडलों को हर प्रकार की सहायता करने के लिए राज्य सरकार सदैव तत्पर होती है। ड्रोन दीदी योजना से महिलाएँ आर्थिक रूप से सक्षम बन रही हैं।

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